भोपाल । प्रदेश के प्रख्यात पत्रकार और लेखक स्व. राजकुमार केसवानी सहित अन्य लेखकों के योगदान पर साहित्य अकादमी द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। साहित्य अकादमी ने हिंदी लेखकों का अन्य भाषाओं में योगदान विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न लेखक वक्ताओं को आमंत्रित किया। जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली के लेखकों ने संगोष्ठी में भागीदारी की।
मध्य प्रदेश के लेखक पत्रकार स्व. श्री केसवानी द्वारा विश्व की भीषणतम गैस त्रासदी के बारे में पूर्व में आगाह किए जाने और बाद में भारतीय संगीत, सिनेमा और काव्य लेखन में दिए गए योगदान पर आलेख प्रस्तुत किया गया। विभिन्न वक्ताओं ने श्री केसवानी के लेखन का उल्लेख किया। संयोजक प्रो. नामदेव ताराचंदानी ने उन्हें दूरदर्शी पत्रकार बताया। अध्यक्षता कर रहे मोहन गेहानी ने उनकी लेखन शैली की प्रशंसा की। लेखक अशोक मनवानी ने श्री केसवानी के समग्र योगदान को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर दिल्ली के साहित्यकार हीरो ठाकुर ने भी श्री केसवानी को अध्ययनशील, मननशील और डूब कर काम करने वाला लेखक एवं पत्रकार बताया। मुंबई के राम जवहरानी ने लेखक भगवान गिदवानी की प्रिटर्न्स ऑफआर्यन और अन्य कृतियों की चर्चा की। संजय खान का द सार्ड ऑफटीपू सुल्तान चर्चित टीवी धारावाहिक रहा जो श्री गिदवानी के उपन्यास पर आधारित था। इस अवसर पर अंग्रेजी के प्रसिद्ध कृति आइडिया ऑफइंडिया (भारत नामा) के लेखक सुनील खिलनानी के अलावा जया जादवानी, मोहन दीप आदि के साहित्यिक योगदान की चर्चा वक्ताओं द्वारा की गई।
गुरुवार से साहित्य अकादमी साहित्य उत्सव में आगामी 6 दिन अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस संगोष्ठी में मोहन हिमथानी, साज अग्रवाल, साहित्य अकादमी के सचिव श्रीनिवास राव ने श्री कृष्ण कृपलानी के कार्यों का उल्लेख किया। श्री कृपलानी साहित्य अकादमी के प्रथम सचिव थे। दिल्ली की वीना श्रृंगी ने बौद्ध अध्ययन के विद्वान प्रोफेसर नारायण समतानी, सब्सिडी मीनू प्रेमचंदानी ने नंदिता भावनानी और प्रो. नामदेव ने अनीता मूरजानी के लेखन कार्य के बारे में बताया। जयेश शर्मा ने ढोलण राही अजमेर के लिखे शोध पत्र का वाचन किया। साहित्य अकादमी नई दिल्ली के फिरोज शाह रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय के सभाकक्ष में संगोषी में कल दस शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।