इस साल शनि का राशि परिवर्तन दो बार, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। हालांकि 12 जुलाई 2022 को एक फिर से शनि मकर राशि में आ जाएंगे।वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर हैं जिस वजह से मकर, धनु और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि पर शनि की ढैय्या है।
एक निश्चित अंतराल पर सभी ग्रह अपनी चाल बदलते रहते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन को गोचर, वक्री और मार्गी चाल आदि कहा जाता है। सबसे मंद गति से चलने वाले शनि ग्रह हैं। यह किसी एक राशि में ढाई वर्षों तक रहते हैं। लेकिन साल 2022 में शनि दो बार राशि बदलेंगे। वर्तमान समय में शनि मकर राशि में विराजमान हैं। इसके बाद 29 अप्रैल 2022 में मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। हालांकि 12 जुलाई 2022 को एक फिर से शनि मकर राशि में आ जाएंगे। शनि की चाल में बदलाव से पांच राशियां सबसे ज्यादा प्रभावित होगी।
शनि का राशि परिवर्तन
शनिदेव साल 2020 से मकर राशि में भ्रमण पर हैं। ढाई वर्ष तक रहने के बाद शनि एक बार फिर से 29 अप्रैल 2022 को राशि बदलते हुए मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि में कुछ दिनों तक रहने के बाद एक बार फिर से 12 जुलाई को वक्री हो जाएंगे। वक्री रहते हुए शनिदेव दोबारा मकर राशि में आ जाएंगे। शनि के राशि बदलने के कारण पांच राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लग जाएगी।
राशियों पर प्रभाव
जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है किसी पर साढ़ेसाती लग जाती है तो किसी पर पहले ले लगी हुई साढ़ेसाती और ढैय्या उतर जाती है। 29 अप्रैल 2022 में शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि के जातकों से शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा मिथुन और तुला राशि वालों पर चली आ रही ढैय्या सामाप्त हो जाएगी। शनि के राशि बदलने पर मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण और कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। हालांकि जब शनिदेव 12 जुलाई 2022 को दोबारा मकर राशि में वक्री होंगे तब धनु, मिथुन और तुला राशि शनि के प्रभाव में आ जाएंगे। इस तरह से अगर देखा जाए तो साल 2022 में धनु, मकर, कुंभ, मीन, मिथुन, तुला, कर्क, वृश्चिक राशियों पर शनि का प्रकोप रहेगा।
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