तेंदूखेड़ा की बंधी पंचायत के टपरिया में 9 लाख रुपये स्वीकृत फिर भी नहीं बना लकड़ी का पुल आते- जाते हैं विद्यार्थी
नरसिंहपुर। जिले की तेंदूखेड़ा तहसील की बंधी पंचायत का गांव टपरिया, जहां विकास कोसों दूर नजर आ रहा है। आज़ादी के दशकों बाद भी जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलो मीटर दूर टपरिया के बच्चे गहरे नाले के ऊपर बने लकड़ी के अस्थाई पुल के ऊपर अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। पुलिया का कार्य नौ लाख की लागत से वन विभाग को करना था।
नीचे उफनता नाला, ऊपर लटकता लकड़ी का पुल ही सहारा
बच्चों को पढ़ाई की ख़ातिर वर्षाकाल में उफनते नाले के ऊपर बनाए गए लकड़ी के पुल से निकलना पड़ता है।अपनी जान जोखिम में डालने को विवश हैं। नीचे ख़तरनाक उफनता नाला और उसके ऊपर लटकते लकड़ी के पुल के ऊपर से अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते यह बच्चे और ग्रामीण कई सालों से इसी तरह अपनी जान की परवाह किए बिना इस ख़तरनाक लकड़ी के पुल को पार करने को मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को तत्काल कार्य कराने निर्देश दिए थे
नाले पर पुलिया का कार्य नौ लाख की लागत से वन विभाग को करना था। विभाग ने यह कार्य नहीं किया इसलिए ग्रामीणों को वर्षाकाल में लकड़ी के पुल से आना जान करना पड़ता है। बताया जाता है की बीते दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तेंदूखेड़ा आए थे तो ग्रामीणों ने तख्तियां लेकर पुलिया बनाए जाने मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को तत्काल कार्य कराने निर्देश दिए थे। जिससे अब कार्य कराने तकनीकी स्वीकृति जारी होने की प्रक्रिया चल रही है।
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