इंदाैर। इंदौर जिले में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी स्थल पर बगैर अनुमति जुलूस, रैली, धरना प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंधात्मक अवधि में अस्त्र-शस्त्र धारण करने तथा उनके प्रदर्शन पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इस संबंध में एडीएम अजय देव शर्मा ने दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के अंतर्गत आदेश जारी किया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188 एवं अन्य दंडात्मक प्रविधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश 25 अगस्त 2023 तक प्रभावशील रहेगा।
यह आदेश इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के महू, मानपुर, किशनगंज, बड़गोंदा, सिमरोल, देपालपुर, बेटमा, गौतमुपरा, हातोद, सांवेर, चंद्रावतीगंज, शिप्रा तथा खुड़ैल की सीमाओं के अंतर्गत लागू रहेगा। आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति/संस्था/संगठन/समूह जब तक किसी आयोजन की विधिवत सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त नहीं कर लेते, वे आयोजन का इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/इंटरनेट मीडिया/पोस्टर बैनर या अन्य किसी माध्यम से प्रचार-प्रसार नहीं कर सकेंगे। साथ ही नियमों के विपरीत सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र के धारण करने तथा प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
ये रहेंगे प्रतिबंध से मुक्त
न्यायाधिपति, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा एवं अन्य किसी शासकीय कर्तव्य पालन के समय ड्यूटी पर लगाए गए सुरक्षा बलों एवं अर्द्ध सैनिक बलों, विशिष्ट व्यक्तियों या अधिकारी की सुरक्षा के लिए लगाए गए पुलिसकर्मी, बैंक गार्ड इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
इन पर रहेगा प्रतिबंध
प्रतिबंधात्मक अवधि में किसी भी प्रकार के कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग, झंंडे आदि पर किसी भी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या समुदाय के विरुद्ध नारे या अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल एवं उसका किसी भी निजी एवं सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी सार्वजनिक अथवा निजी भवन या संपत्ति पर आपत्तिजनक भाषा अथवा भड़काऊ नारे लिखे जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 के प्रविधानों के अंतर्गत डीजे, लाउडस्पीकर जैसे ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर भी बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के रोक रहेगी।
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