शुक्रवार को भाजपा के खिलाफ एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के एकजुट होने पर सत्तारूढ़ दल ने इसे ”बहुमुखी स्वार्थी गठबंधन” बताया। बिहार के पटना में विपक्षी एकता की बैठक के तुरंत बाद प्रेस को को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पार्टियों के एक साथ आने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नहीं बल्कि देश के खजाने पर है। ईरानी ने पटना में विपक्ष की बैठक को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने मान लिया है कि वह अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं हरा सकती और उसे दूसरों के समर्थन की जरूरत है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, “मैं विशेष रूप से कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए धन्यवाद देती हूं कि वे अकेले पीएम मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है।”
बीजेपी नेता ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि आप ऐसे लोगों के पास जाते हैं जो एक पुल भी नहीं बना सकते? वे कौन सा लोकतांत्रिक पुल बनाएंगे?” आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए ईरानी ने कहा कि जो पार्टियां विकास के लिए एक साथ नहीं आ सकीं, वे राजनीतिक ब्लैकमेल का सहारा ले रही हैं।
विपक्षी एकता के कदम पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “एक नेता कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि बैठक में क्या होगा, दूसरे नेता कहते हैं ‘देखते हैं क्या होता है’, और तीसरे नेता कहते हैं ‘अगर आप मुझे संबोधित नहीं करेंगे’ मसला, मैं बाहर चला जाऊंगा”
राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ बयान की आलोचना करते हुए ईरानी ने कहा, ‘मैं फिर से पूछना चाहती हूं कि क्या 1984 के दंगे, आपातकाल, मीसा कांग्रेस के ‘मोहब्बत’ के उदाहरण थे।’
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