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ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- गुलाम नबी खुद आजाद हो गए तारकेश्वर शर्मा

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तारकेश्वर शर्मा

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने शनिवार को ग्वालियर में कहा- ‘कई महीनों और सालों से स्पष्ट है, कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति क्या है. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं. लेकिन यह अंत में यह कहूंगा कि गुलाम नबी जी, अब स्वयं आजाद हो गए हैं. शनिवार सुबह जयविलास महल से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि मैं समूचे अंचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने जा रहा हूं.
सिंधिया शनिवार को ग्वालियर-चंबल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने यहां पहुंचे. उन्होंने श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया. सिंधिया कुछ इलाकों का हवाई जहाज से भी जायजा लेंगे. हवाई दौरा करने के बाद सिंधिया कार के जरिए गांवों में पहुंचकर बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे. इस मौके पर सिंधिया ने कहा संकट के समय क्षेत्र की जनता की हौंसला अफजाई करने जा रहा हूं. प्रदेश सरकार जनता की मदद कर रही है. सिंधिया के मुताबिक मुख्यमंत्री ने स्वयं क्षेत्र का दौरा किया है. हर गांव में हर व्यक्ति को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर निकाला गया है. शेल्टर होम बन चुके हैं. लोगों को सुरक्षित इन कैंपों तक पहुंचाया गया है.

गांववालों ने उठाई ये समस्या

सिंधिया सबसे पहले श्योपुर के बाढ़ प्रभावित जलालपुरा गांव में पहुंचे. यहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. गांववालों ने उनके सामने टापू बने सुंडी गांव का मामला उठाया. उन्हें सिंधिया से सुरक्षित जगह शिफ्ट करने की मांग की. इसके अलावा लोगों ने बाढ़ प्रभावित जलालपुरा झोपड़ी गांव को राजस्व गांव घोषित करने की मांग की. उनकी मांग का पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय ने समर्थन किया. इस दौरान सिंधिया के साथ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री तुलसी सिलावट और प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद थे.

भिंड में चंबल नदी उफान पर: बता दें, चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर की वजह से वह उफान पर है. भिंड के कई गांव इसकी वजह से पानी में डूब गए हैं. लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि नदी के जल स्तर ने पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दरअसल, राजस्थान के कोटा बैराज बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. इस वजह से नदी के किनारे स्थित अटेर क्षेत्र के एक दर्जन गांवो में लोगों की हालत खराब हो गई है. जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यहां पानी घरों में घुस गया है. ग्रामीणों ने घर गृहस्थी का सामान समेटकर छत की शरण ले ली है. उनका कुछ सामान भी डूब चुका है.

 

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