गीता प्रेस को गांधी शांति सम्मान के विरोध पर भड़की उमा भारती कांग्रेस और जयराम रमेश पर बोला तीखा हमला
भोपाल। गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का घोषणा का विरोध करने पर कांग्रेस और इसके नेता जयराम रमेश भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती भी गीताप्रेस गोरखपुर की आलोचना से भड़क उठी हैं और उन्हों इंटरनेट मीडिया पर कांग्रेस और जयराम रमेश को जमकर खरीखोटी सुनाई। उन्होंने मंगलवार सुबह लगातार पांच ट्वीट किए और कहा कि कांग्रेस ने इस्लामीकरण और ईसाईकरण की राह पकड़ ली है। उमा ने लगे हाथ सोनिया गांधी को सलाह भी दे डाली कि यदि वह अपने नेताओं के प्रति सावधान न रहीं तो कांग्रेस को वोट के बदले सिर्फ घृणा एवं तिरस्कार मिलेगा।
उमा भारती ने अपने ट्वीट में लिखा कि गीता प्रेस गोरखपुर का भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व एवं अध्यात्म में हमेशा अद्वितीय योगदान रहा। हिंदू समाज के सभी धर्मग्रंथ सरल, त्रुटिहीन एवं कम कीमत पर उपलब्ध कराए गए। घर-घर में रामायण और गीता उनकी बदौलत भारत में सबको एवं विश्व में उपलब्ध कराई। उनका किसी विवाद से कभी सरोकार नहीं रहा, उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार भी कम पड़ेगा। जयराम रमेश जैसे स्तर के लोग जो कांग्रेस के बड़े पदों पर बैठे हैं को शायद यही पता ना हो कि गीता प्रेस गोरखपुर में छपता क्या है? लगता है, कांग्रेस ने अपनी पार्टी की इस्लामीकरण एवं ईसाईकरण की राह पकड़ ली है बिना यह जाने कि ईसाई व मुसलमान जैसे समुदाय भी गीता प्रेस गोरखपुर के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं, कांग्रेस के नेता का बयान घोर शर्मनाक एवं निंदनीय है। श्रीमती सोनिया गांधी अपने नेताओं के प्रति यदि सावधान न रहीं तो कांग्रेस को वोट के बदले सिर्फ घृणा एवं तिरस्कार मिलेगा।
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