धीरज जॉनसन दमोह
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन एवं सदस्य सरबजीत सिंह ने वन स्टाॅप सेंटर (सखी केन्द्र) का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी पी राय और यहां के प्रशासक एम कुर्मी द्वारा सेंटर के कार्यो की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई साथ ही न्यायमूर्ति जैन एवं सदस्य सबरजीत सिंह ने प्रत्येक कक्ष का निरीक्षण कर प्रकरणों की जानकारी हासिल की,व सुझाव भी दिए।सेंटर पर पुलिस अधीक्षक डी आर तेनीवर पुलिस स्टाफ सहित उपस्थित रहे।
2018 में जुलाई माह से प्रारम्भ 24 घण्टे खुले रहने वाले इस सेंटर में अब तक घरेलू हिंसा व पीड़ित महिलाओं के 738 केस आये है जिसमें से लगभग 233 केस रनिंग में है,यहां की प्रशासक एम कुर्मी ने बताया कि यहां कुल स्टाफ 9 है,पीड़ित महिला यहां स्वयं,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से,महिला हेल्प लाइन की मदद से व पुलिस की सहायता से भी यहां तक आती है,जिसके बाद काउंसलिंग, स्वयं के वकील,विधिक सहायता, समझौता के माध्यम से प्रकरण समाप्त किये जाते है यहां आश्रय सुविधा भी उपलब्ध है।
“एक समस्या जिसे जाना गया कि रात में अगर महिला बीमार पड़ जाए या बीमारी की हालत में आती है तो उसे चेकअप या जाने के लिए व्हीकल की व्यवस्था नहीं है इसे नोट किया है शासन को सिफारिश प्रेषित करेंगे कि न केवल यहां पर परंतु मध्यप्रदेश के सभी वन स्टॉप सेंटर के अंदर व्हीकल सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके”
न्यायमूर्ति एन के जैन
अध्यक्ष, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग,भोपाल
“महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण के संबंध में यहां जानकारी लेने आए, आयोग का उद्देश्य है कि डोमेस्टिक वायलेंस से रिलेटेड प्रकरण का निराकरण कैसे किया जाता है अगर सहायता की आवश्यकता है तो वह देखना था”
-एस. सिंह सदस्य
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग,भोपाल
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन