अजित पवार बोले- शिंदे सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे:उद्धव बोले- विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हुआ तो फिर SC जाएंगे
कृष्ण कांत सोनी
मुंबई।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी विधानसभा स्पीकर विदेश में हैं, जब वे वापस लौटेंगे तो उन्हें इस बारे में फैसला लेना चाहिए। – Dainik Bhaskar
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी विधानसभा स्पीकर विदेश में हैं, जब वे वापस लौटेंगे तो उन्हें इस बारे में फैसला लेना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि एकनाथ शिंदे और भाजपा को चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, जैसे मैंने इस्तीफा दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लिया तो मैं फिर सुप्रीम कोर्ट जाउंगा।
उधर, NCP नेता अजित पवार ने कहा कि शिंदे से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं है। हम सभी जानते हैं कि शिंदे सपने में भी मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़ लीजिए किसने क्या कहा…
महाराष्ट्र के नाम दुनियाभर में कीचड़ उछाला जा रहा- उद्धव
उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, आइए सभी चुनावों का सामना करें और लोगों को आखिरी फैसला करने दें। जैसे मैंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, शिंदे को भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लिया तो मैं फिर सुप्रीम कोर्ट जाउंगा। फिलहाल स्पीकर विदेश में हैं, जब वे वापस लौटेंगे तो उन्हें इस बारे में फैसला लेना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं पीएम मोदी को बताना चाहता हूं कि देश में हालात सही नहीं है और आपको इसे रोकना चाहिए। महाराष्ट्र के नाम दुनियाभर में कीचड़ उछाला जा रहा है।
अजित पवार बोले- सही समय पर अध्यक्ष नहीं चुना
NCP नेता अजित पवार ने कहा कि नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग करने की कोई जरूरत ही नहीं है। हम जानते हैं वो अपने सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अब के लोगों में जमीन आसमान का अंतर है। जुलाई के महीने में अगला विधानसभा का सत्र है, हम अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे कि इस मुद्दे पर क्या कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता नाना पटोले ने उस समय के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से परामर्श किए बिना ही स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। अगर तब अध्यक्ष को चुन लिया जाता तो शिंदे खेमे के 16 विधायक अयोग्य घोषित हो जाते।
बता दें कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन के घटक दल भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिंदे सरकार से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांग रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार अवैध और संविधान के खिलाफ बनाई गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा
मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि मैं इस बारे में बात नहीं करूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बारे में क्या कहा, लेकिन राज्यपाल ने उस समय की स्थिति के अनुसार काम किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को महाराष्ट्र की सियासी उठापटक पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना ही नहीं किया। खुद ही इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अदालत इस्तीफा रद्द नहीं कर सकती है। हम पुरानी सरकार बहाल नहीं कर सकते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र गवर्नर का उद्धव सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए कहना गलत फैसला था। गवर्नर के पास बहुमत पर शक करने का ठोस आधार नहीं था।