शुद्ध वायु औऱ सुकून में बाधक बन गए वाहन
धीरज जॉनसन दमोह
दमोह शहर के एक पहाड़ी पर बने सर्किट हाउस तक पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग से लगभग एक किमी का घुमावदार मार्ग है जिस पर वर्षो से शहर के सैंकड़ों लोग जिनमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल रहते है सुबह-शाम शुद्ध हवा,व्यायाम के लिए पैदल चलने आते है इसकी एक वजह यह भी है कि शहर के अन्य मार्गो पर ट्रैफिक बहुत रहता है इसलिये वहां टहलना जोखिम भरा कार्य भी है साथ ही प्रदूषण भी रहता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
वैसे तो शहर में अन्यत्र पार्क भी है पर यहां प्राकृतिक सुंदरता और ऊँचाई होने के कारण वाहनों की ध्वनि,प्रदूषण,भीड़,शोर सुनाई नहीं देता।यहां से चारों ओर दूर-दूर तक शहर,गांव,जंगल,तालाब दिखाई देते है। युवा वर्ग भी काफी मात्रा में यहाँ घूमते औऱ फोटोग्राफी करते देखे गए है।
परंतु अब इस जगह का सुकून और शांति खत्म होती जा रहा है क्योकिं इस पहाड़ी मार्ग पर तेज गति से वाहन चलाते युवाओं को अक्सर देखा गया है जिससे बीमार और बुजुर्ग जो स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां टहलने आते है वे भयभीत हो चले है क्योंकि कभी भी अनहोनी हो सकती है औऱ यहां शोर भी बहुत होने लगा है लोग तेजी से बाइक चला कर ऊपर की ओर जाते है और लौटते समय बाइक को न्यूट्रल कर काफी तेज गति से ढलान पर जाते है जिससे पैदल टहलने वालों को एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है यहां प्रतिदिन आने वाले लोगों का कहना है कि चिंतित होना लाज़मी है क्योकिं यह शांत और सुव्यवस्थित क्षेत्र भी है पहले यहां बेरिकेड्स थे पर अब नहीं है सुबह-शाम को यहां आने वाले वाहनों पर प्रतिबंध होना चाहिए।
“निःसंदेह यह शहर की खूबसूरत जगहों में से एक है, वे लोग जो कॉन्क्रीट के जंगलों में है और व्यस्तता के कारण प्राकृतिक व खुले वातावरण में नहीं जा पाते, उन्हें यहां आकर सुकून भी मिलता है। यद्दपि बेहतर स्वास्थ्य के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग औऱ बीमार औऱ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा भी यहां जॉगिंग औऱ एक्सरसाइज के लिए आते है पर अब यहां वाहनों के लगातार आने-जाने से एक्सीडेंट का खतरा, प्रदूषण और शोर भी बढ़ गया है,अगर इन पर प्रतिबंध लगता है तो मानसिक शांति के साथ लोग यहां आ सकेंगे”
-प्रशांत सिंह हज़ारी एडवोकेट, दमोह
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन