देवेंद्र तिवारी सांची रायसेन
पेयजल आपूर्ति करने स्थानीय प्रशासन लाखों रुपए खर्च कर चुका है परन्तु पेयजल संकट से छुटकारा मिलता दिखाई नहीं दे रहा । हालांकि अभी गर्मी की शुरुआत हुई ही थी कि नगर वासियों को दो दिन में एक बार पेयजलापूर्ति शुरू हो गई । जिससे नगर में जलसंकट विकराल रूप धारण कर रहा है।
जानकारी के अनुसार यह स्थल वैसे तो एक विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है यहां देशी विदेशी पर्यटकों के साथ आसपास क्षेत्र सहित नगर वासियों को पेयजलापूर्ति करने का जिम्मा नगर परिषद प्रशासन को सौंपा गया है परन्तु इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल पर पेयजल आपूर्ति सुलभ बनाने में नाकाम साबित हो चुकी है जिससे इस स्थल पर पेयजल का गंभीर संकट खड़ा हो गया है बताया जाता है कि पेयजल संकट से निपटने नगर परिषद प्रशासन लाखों करोड़ों खर्च कर देती है बावजूद इसके सुविधा के लिए लोगों को यहां वहां भटकने पर मजबूर होना पड़ता है जिसका खामियाजा न केवल नगर वासियों बल्कि इस स्थल पर आने वाले पर्यटकों के साथ दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों को भी भुगतना पड़ता है हालांकि इस स्थल पर नगर परिषद के पंद्रह वार्ड है परन्तु इनमें से आधे वार्डों में जलप्रदाय सुचारू रखा गया है जबकि आधे वार्डों में स्थानीय प्रशासन की भेदभाव रवैये के चलते दो दिन में एक बार जलप्रदाय किया जा रहा है वह भी मात्र पैंतालीस मिनट के लिए इसके साथ ही लापरवाही के चलते दो दिन में मिलने वाले जलप्रदाय की लाइन में रफ्तार कम होने से समस्या खड़ी हो गई है जिसका नतीजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है हालांकि बताया तो यहां तक जाता है कि असरदारों के सामने नगर परिषद प्रशासन नतमस्तक हो चुका है तथा जब चाहे तब जलप्रदाय शुरू कर दिया जाता है जिसकी कोई समय सीमा भी निर्धारित नहीं होती जिससे आसानी से सड़कों पर पानी बहता दिखाई दे जाता है । इस ओर से संबंधित पूरी तरह बेखबर बनकर बैठे हुए है अनेक बार प्रशासन में बैठे लोगों को अवगत कराया गया परन्तु स्थिति जस की तस बनकर रह गई है एक ओर नगर में पेयजल की किल्लत दूसरी ओर नगर में लगे सार्वजनिक नलों पर आसानी से आटो दुपहिया वाहनों की धुलाई करते दिख जाती है जिससे नगर परिषद के असंख्य अधिकारी कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं । इस विख्यात स्थल की परिषद में बैठे जिम्मेदार कलेक्टर के पेयजल संकट से निपटने के दिशा निर्देशों को भी नजर अंदाज कर धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं इस नगर में दो दिनो मे एक बार मिलने वाले पेयजल आपूर्ति लाइन में प्रेशर न होने से घरों में पानी पहुंचना मुश्किल हो गया है सम्बन्धित बेखबर बनकर बैठे हुए है आने वाले समय में जब गर्मी अपने चरम पर पहुंच जायेगी तब पेयजल का गंभीर संकट से लोगों को जूझना पड़ सकता है । हालांकि पेयजलापूर्ति पर होने वाले अनाप-शनाप खर्च पर कोई रोक नहीं लग पा रही है तथा असरदारों के इशारे पर नगर परिषद प्रशासन अपने पक्षपात पूर्ण रवैया बदलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है इस स्थल की नगर परिषद भगवान भरोसे होकर रह गई है