ओंकारेश्वर। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। वीआईपी दर्शन बंद होने के बाद भी दर्शन के नाम पर श्रद्धालु ठगे जा रहे हैं। कुछ दलालों द्वारा वीआईपी दर्शन कराने के नाम पर यात्रियों से मनमाने रुपये वसूले जा रहे हैं। रविवार को दर्शन व्यवस्था को लेकर दिल्ली से आए एक परिवार और मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी के बीच विवाद हाथापाई तक पहुंच गया। वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों और लोगों की समझाइश और पहल पर मामला शांत हो गया। किसी भी पक्ष द्वारा पुलिस मेें कोई शिकायत नहीं की गई है। इस मामले को मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और पुनासा एसडीएम सीएस सोलंकी ने गंभीरता से लेते हुए दो कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।
ओंकारेश्वर में झूला पुल बंद किए लगभग दो माह से अधिक समय बीत गया है। एकमात्र पुराने पुल से आवागमन की व्यवस्था प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। विशेष पर्व और अवकाश के दिनों में स्थिति और गंभीर हो जाती है। मंदिर के गर्भगृह और प्रांगण में जगह कम होने के कारण आए दिन श्रद्धालुओं को परेशानी तथा मंदिर व प्रशासन के कर्मचारियों को विवाद की स्थिति का सामना करना पड़ता है। वर्षों पूर्व गठित पब्लिक ट्रस्ट व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद एसडीएम के हवाले है। उज्जैन की तर्ज पर ओंकारेश्वर की व्यवस्था किए जाने की मांग को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है।
मंदिर से बाहर आने के बाद भी धमकाया
सोनू चौधरी ने बताया कि हम छह लोग दिल्ली से ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए आए हैं। हमारे साथ महिलाएं और बच्चे भी हैं। दर्शन के दौरान वहां तैनात कर्मचारियों ने हमारे साथ विवाद और मारपीट की। मंदिर से बाहर आने के बाद भी कुछ लोग हमें धमकाने आए थे। दर्शनार्थी महिलाओं ने कहा कि छह-सात लोगों ने मिलकर मारपीट की है।
मंदिर प्रबंधन ने दो कर्मचारियों पर की कार्रवाई
रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं से मंदिर प्रबंधन के दो कर्मचारियों ने निकासी द्वार परिसर में अभद्रता की इससे वहां आपाधापी मच गई। इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए मंदिर ट्रस्ट ने वहां तैनात कर्मचारी अंकित योगी और गुरुप्रसाद घाटे को दर्शन व्यवस्था से हटाकर ओंकार प्रसादालय भेज दिया।
वीआईपी दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की तो नहीं छोड़ेंगे
मंदिर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया कि अब श्रद्धालुओं के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता या वीआईपी दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के कृत्य से प्रबंधन और शासन दोनों की छवि धूमिल होती है। जो भी ऐसी गतिविधि करते पाया गया तो उसे नहीं छोड़ेंगे। फिलहाल दोनों कर्मचारियो को दर्शन व्यवस्था से हटाकर प्रसादालय में शिफ्ट किया गया है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति इस प्रकार का कार्य कर व्यवस्था में हस्तक्षेप या विवाद करता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
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