इंदौर। सैर सपाटे का शौक सभी को होता है और इन दिनों लोग घूमने काफी जा रहे हैं। अक्सर देखने में यह आता है कि लोग घूमने जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं। इसकी वजह कई हो सकती है। यदि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो स्वस्थ रहा जा सकता है।
आहार व पोषण विशेषज्ञ डा. प्रीति शुक्ला बताती हैं कि यदि आप कहीं सैर सपाटे पर गए हैं तो खानपान का विशेष ध्यान रखें। बाहर का ऐसा कोई आहार न लें जो कच्चा हो इससे पेट में संक्रमण होने की आशंका रहती है। ऐसा आहार जो कटा हुआ, खुला हुआ या जिन पर मक्खी आदि मंडरा रहे हों ऐसा आहार न लें। कई बार इसमें ऐसे किटा़णु पनप जाते हैं जो पेट के लिए नुकसानदायक होते हैं। स्टेशन आदि पर जो विक्रेता खुले हाथों से खाना दे रहे हैं उसे भी खाने से बचें क्योंकि उसमें भी किटाणु आने की आशंका बढ़ जाती है।
जब भी हम सफर करें तो घर से एक या दो बार का भोजन साथ लेकर जाएं ताकि बाहर के भोजन पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़े। इसके लिए ऐसा भोजन लेकर जाएं जिसके खराब होने की संभावना कम हो। इसके लिए मैथी के पराठे, दूध में गूंधे आटे के पराठे ले जा सकते हैं। दक्षिण भारतीय सफर के दौरान इडली चावल, दही चावल लेकर जाते हैं जो कि बहुत जल्दी खराब नहीं होते और बाहरी खाने से बचाते हैं।
बाहरी भोजन में कई बार आपके सामने तला भोजन आता है जैसे कचौरी, समोसे, आलूबड़े, भजिए आदि। इन्हें खाने से एसिडिटी होने की आशंका भी रहती है। इसलिए कोशिश करें कि सफर में इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें या नहीं करें। यदि आप इसे ले भी रहे हैं तो उसके पोषण को भी ध्यान रखें अर्धात ज्यादा खाने के बजाए कम ही खाएं। यदि सफर में एसिडिटी की समस्या हो जाती है तो उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि तब आपके पास दवाई भी नहीं होती।
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