मंदसौर। रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए कई दावे करती हैं। और काम भी करती हैं पर रतलाम-चित्तौड़ रेलखंड को ब्राडगेज में परिवर्तित हुए लगभग 17 साल हो गए हैं। इसके बाद भी इस रेलखंड पर रहने वाले मंदसौर-नीमच जिले के लोग दिन के समय इंदौर, उज्जैन, भोपाल व उदयपुर तरफ जाने के लिए ट्रेनों को तरस रहे हैं। इस रेलखंड की स्थिति यह हे कि दिन में ट्रेन नहीं मिल रही हैं और रात वाली मेल एक्स प्रेस ट्रेनों में सीटे नहीं मिलती हैं और उनमें सामान्य कोच भी कम ही रहते हैं।
लोग लगातार यह मांग कर रहे हैं कि दिन के समय उदयपुर, चित्तौड़ से इंदौर, भोपाल व उज्जैन तक के लिए नियमित पेंसेजर ट्रेन चलाना चाहिए। इंदौर, रतलाम से दिल्ली, हरिद्वार जम्मू के लिए प्रतिदिन ट्रेने चलाना चाहिए।
रतलाम-चित्तौड़ रेलखंड पर 17 साल बाद भी दोपहर के समय ट्रेनों की काफी कमी हैं। अगर मंदसौर से रतलाम तरफ जाना हो तो सुबह 7.15 बजे डेमू के बाद दोपहर 1:30 बजे जमुना ब्रिज रतलाम ट्रेन है। और इसके बाद शाम को 4:30 बजे डेमू और फिर शाम 7 बजे जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन हैं। वहीं चित्तौड़ तरफ देखे तो सुबह 8 बजे डेमू के बाद 10:30 से 11.30 के बीच रतलाम-आगरा फोर्ट, रतलाम-चित्तौड़ डेमू व मंदसौर-कोटा एक्सप्रेस हैं। इसके बाद सीधे शाम को 6 बजे रतलाम-उदयपुर एक्सप्रेस हैं।
रतलाम तरफ जाने के लिए सुबह व दोपहर के बीच छह घंटे का अंतर हैं। सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच उदयपुर, चित्तौड़ से इंदौर, रतलाम के लिए नियमित ट्रेन चलना चाहिये। वही नीमच, चित्तौड़ तरफ जाने के लिए सुबह 11:30 के बाद सीधे शाम 6 बजे ही ट्रेन हैं। यहां भी साढे छह घंटे में कोई ट्रेन नहीं हैं जबकि इसी समय अधिकांश यात्री आते-जाते हैं। कोरोना काल से पहले दोपहर दो बजे से ढाई बजे के बीच मंदसौर-मेरठ लिंक एक्सप्रेस व इंदौर-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन थी जो नीमच, चित्तौड जाने के लिए सुविधाजनक थी पर मेरठ लिंक एक्सप्रेस को कोरोना के बाद चलाया ही नहीं गया और इंदौर-उदयपुर एक्स प्रेस को रात में कर दिया गया हैं।
अभी मंदसौर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली नियमित ट्रेनों की संख्याठ 9 जोड़ी हैं। इसके अलावा साप्ताहिक, द्विसाप्ताहिक व त्रिसाप्ताहिक ट्रेने भी चल रही हैं पर इनमें से अधिकांश रात में ही चल रही है। मंदसौर होकर गुजरने वाली लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों का आवागमन ज्यादा रात्रि के समय ही होता है। इन ट्रेनों में सामान्य श्रेणी के कोच भी कम ही है।
सबसे लंबी वेटिंग जयपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस में
इन ट्रेनों में परिवार सहित यात्रा करने में काफी परेशानी होती हैं। इधर ट्रेनों में सीट की ‘प्रतीक्षा’ बढ़ीगर्मियों की छुट्टियों में मंदसौर से जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में अप्रैल से ही प्रतीक्षा सूची बढ़ गई है। कंफर्म सीट नहीं मिलने से भी लोग परेशान हो रहे हैं। मजबूरी में बसों और अन्य साधनों से यात्रा करना पड़ रही हैं। जयपुर-भोपाल एक्सप्रेस में 30 अप्रेल तक स्लीपर श्रेणी, थर्ड एसी में प्रतीक्षा सूची 25 तक पहुंच गई हैं। सबसे ज्यादा लंबी प्रतीक्षा सूची सप्ताह में चार दिन अलग-अलग नंबर से चलने वाली जयपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस की हैं।
अजमेर-बांद्रा में 5 मई तक सीट नहीं
इन ट्रेनों में 10 मई तक हर श्रेणी में 25 से लेकर 32 सीटों तक की प्रतीक्षा सूची है। साप्ताहिक अजमेर-रामेश्वर हमसफर एक्सप्रेस में स्लीपर में 7 मई तक प्रतीक्षा सूची 18 तक पहुंची है। इसमें थर्ड एसी श्रेणी में भी 23 की प्रतीक्षा सूची है। मुंबई जाने के लिए के लिए सप्ताह में तीन दिन अजमेर- बांद्रा, तीन दिन उदयपुर-बांद्रा एवं एक दिन जयपुर-बांद्रा विशेष ट्रेन है। अजमेर-बांद्रा सुपर फास्ट में 5 मई तक सीट नहीं मिल रही हैं। तीन मई को स्लीपर श्रेणी में प्रतीक्षा सूची 66 बनी हुई है।
जयपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस में 7 मई तक वेटिंग
जबकि उदयपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में अप्रैल में 58 सीट की प्रतीक्षा सूची है जबकि मई में 48 सीट की प्रतीक्षा सूची है। उदयपुर-मैसूर साप्ताहिक हमसफर में अप्रैल की तुलना में मई में प्रतीक्षा ज्यादा है। 2 मई को 78, 9 मई को 94, 16 मई को 59, 23 मई को 58 की प्रतीक्षा सूची स्लीपर श्रेणी में हैं। थर्ड एसी में मई में 24 से लेकर 53 तक की प्रतीक्षा सूची है। जयपुर-यशवंतपुर साप्ताहिक सुविधा एक्सप्रेस में 7 मई तक प्रतीक्षा सूची फुल है। जबकि 14, 21 एवं 25 मई के फेरे में वेटिंग चल रही है।
बीकानेर-इंदौर एक्सप्रेस के अब तक नहीं बढ़े फेरे
अजमेर, जयपुर तरफ जाने वाली हैदराबाद-जयपुर एक्सप्रेस, बांद्रा अजमेर एक्सप्रेस में अप्रैल में ही 30 से 40 तक की वेटिंग है। भोपाल-जयपुर एक्सप्रेस में 30 अप्रैल तक 26 वेटिंग हैं। इंदौर-बीकानेर साप्ताहिक महामना एक्सप्रेस में मंदसौर से रींगस तक वेटिंग ज्यादा है। मंदसौर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिमाह एकादशी पर श्री खाटू श्यामजी के दर्शन करने जाते हैं। उत्तर पश्चिम रेल्वे ने दिसंबर में बीकानेर-इंदौर एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने के लिए रेल्वे बोर्ड को अनुशंसा की थी लेकिन बोर्ड ने अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया है।
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