सिलवानी रायसेन से देवेश पाण्डेय
सिलवानी तहसील के ग्राम मुआर में ख़िरका मंदिर पर श्री शिव पुराण कथा के दूसरे दिवस कथा व्यास से कथा वाचक श्री शास्त्री ने कहा कि असत्य भाषण मानव को उसके विनाश की ओर ले जाता है। अतः सत्य वचन बोलना चाइये।
शिव की भक्ति से जीव आत्मा भव से पार लग जाता है। शिव की भक्ति मात्र मोक्ष का साधन है। शिव भगवान बहुत ही भोले है। अतः बहुत जल्द प्रशन्न हो जाते है। शिव आदि अनन्त है। कर्म ऐसे करे कि पुण्य की प्राप्ति हो, शिव पुराण के अनुसार शिव लिंग 5 प्रकार के होते है शिव पुराण के अनुसार ओम्कारेश्वर में स्वयं भू शिव लिंग है। एवं शिव लिंग किसी भी धातु के पारा चादी ,,पारे तांबे,लकड़ी से बनाया हुआ शिव लिंग ,भी पूजन कर सकरे है।कलयुग में मिट्टी के द्वारा बनाया गया शिव लिंग श्रेष्ठ है। एवं पूजन अभिषेक करना चाइये। उनका विर्सजन, बहते हुए जल में,या गहरे गड्ढे में या गहरे पानी मे करना चाइये ,यदि ऐसा नही करता जीव तो पाप का भागी होता है।
सोमबार ,एवं शिवरात्रि को शिव का अर्चना जरूर करना चाइये। पूरे बर्ष का फल प्राप्त होता हॉ। कलयुग में सबसे बड़ा दोष अन्य एवं सिर के बालो में दोष होता है।दूध,दही, गाय का गोबर आदि से पँचगब बनाकर शुद्ध करके पूजन करना चाइये।।
गलत जगह से कमाया हुआ धन बुद्धि भरष्ट कर देता है। अतः धन शुद्धि करन से ही कमान चाइये।।