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भगवान शिव को प्रिय है शमी, जानें और किस देवता को है ये पसंद

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हिंदू धर्म में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंद का रंग, फूल, फल, भोग और सुगंध आदि पूजा के दौरान अर्पित किए जाते हैं. हर देवता को प्रसन्न करने का, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का अलग विधान है. हर देवी देवता की सप्ताह के सातों दिन के अनुसार पूजा की जाती है, व उनका आशीर्वाद लिया जाता है. किस भगवान को क्या प्रिय है और क्या नहीं इस विषय का शास्त्रों में कथा के साथ उल्लेख मिलता है. ऐसे ही शमी के फूल और पत्ते भगवान शिव को अति प्रिय हैं. उनके अलावा आज हम जानेंगे कि और किस देवता को शमी प्रिय है।
हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है. लेकिन भगवान शिव पर पूजा के समय शमी की पत्तियां और फूल चढ़ाए जाएं तो वे अपने भक्तों को शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इसी तरह भगवान गणेश को अति प्रिय दूर्वा अर्पित की जाए तो वह अपने भक्तों के कष्ट हर लेते हैं. जिस तरह दुर्वा ने उन्हें शीतलता पहुंचाई थी उसी तरह भगवान गणेश भी अपने भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं. शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भगवान गणेश को जितनी प्रिय दूर्वा है. उतनी ही प्रिय शमी भी है.
शनि देव को भी चढ़ाई जाती है शमी
शमी के फूल और पत्ती शनि देव को अर्पित करने के बारे में अमूमन लोगों को जानकारी है. परन्तु बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्हें यह पता है कि भगवान गणेश को शमी अर्पित की जाए तो वह अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

मान्यता के अनुसार शमी के वृक्ष में भगवान शिव का वास होता है. जिसकी वजह से भगवान गणेश को शमी के पत्ते अर्पित करना शुभ होता है. कहा जाता है अगर भगवान गणेश को शमी के पत्ते अर्पित किए जाते हैं तो वे अपने भक्तों को तीव्र बुद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. भगवान गणेश को हिंदू धर्म में सर्वप्रथम पूजे जाने का दर्जा प्राप्त है. कहा जाता है किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करना अति फलदाई माना जाता है. साथ ही सर्वप्रथम गणेश पूजा से हर शुभ कार्य में सफलता प्राप्त होती है.

इस दिशा में लगाएं शमी का वृक्ष
हिंदू धर्म में शमी का वृक्ष घर में लगा होना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता के अनुसार जिस घर में शमी का वृक्ष लगा हो, उस घर में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आती है. शमी के वृक्ष को हमेशा घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर) में लगाना लाभकारी माना जाता है, क्योंकि शमी वृक्ष तेजस्विता और दृढता का प्रतीक है. इसमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए यज्ञ में अग्नि को प्रज्जवलित करने हेतु प्रयोग किया जाता है.

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