मुख्यमंत्री जी, विशेषाधिकार से नहीं भगवान से तो डरें
भोपाल।प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मीडिया के.के. मिश्रा ने आज बैतूल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर संपन्न कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के उस कथन को पूर्णतः असत्य और भ्रामक बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार में किसानों की कर्जमाफी नहीं हुई! मिश्रा ने दावे के साथ कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान न केवल* *मुख्यमंत्री, बल्कि कृषि मंत्री कमल पटेल के परिजनों की भी कर्जमाफी हुई है, जिसके दस्तावेज सरकारी अभिलेखों में भी मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गत् संपन्न विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मंत्री* *जयवर्धन सिंह द्वारा पूछे गये प्रश्न के लिखित उत्तर में शिवराज सरकार के ही मौजूदा* *कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपने लिखित उत्तर में इस बात को स्वीकारा है कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के दौरान दो चरणों में 26 लाख किसानों की 11 हजार 646 करोड़ 96 लाख रूपयों की कर्जमाफी हुई है। इतने महत्वपूर्ण साक्ष्यांे के बाद भी यदि मुख्यमंत्री जैसे जबावदार व्यक्ति सार्वजनिक रूप से कर्जमाफी नहीं होने का झूठ परोस रहे हैं तब उन्हें विशेषाधिकार हनन से नहीं, भगवान से तो डरना चाहिए।
केके मिश्रा ने कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव 2023 को दृष्टिगत रख मुख्यमंत्री को अब किसानों की चिंता सताने लगी है। यदि वे वास्तव में किसान पुत्र हैं तो उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि किसानों को पिछले 17 वर्षों में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से बर्बाद फसलांे का कब-कब, कितना-कितना मुआवजा किसानों को दिया गया या सिर्फ आश्वासन? यही नहीं इन 17 वर्षों में कितने किसानों ने आत्महत्या की, उसके कारण भी क्या थे?
श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि वे डेढ़ दशक से अधिक समय से मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं, उनके द्वारा निरंतर परोसे जाने वाले झूठ, झूठे वायदों को जनता अब समझ चुकी है। लिहाजा, वे ऐसे झूठे कीर्तिमानों की श्रृंखला बनाने से गुरेज करते हुए सच्चाई के धरातल अपनी पहचान स्थापित करें।