ब्रम्हाकुमारी प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा “स्वर्णिम भारत के निर्माण में मीडया की भूमिका” पर गोष्ठी का आयोजन
बकस्वाहा छतरपुर से अभिषेक असाटी
प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय ब्रह्माकुमारी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव मे ‘स्वर्णिम भारत के निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषय को लेकर स्थानीय पत्रकारों की गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके पर छतरपुर आश्रम की प्रमुख बीके शैलजा ने कहा कि समाज के सभी वर्गों तक आध्यात्म के द्वारा मानव जीवन मे सकारात्मकता का संदेश पहुंचाने के लिए संस्था के बीस प्रभाग है।मीडिया प्रभाग का उद्देश्य मानव जीवन मे मानवीय सिद्धांतो व मानव मूल्यों की पुनरस्थापना है।वर्तमान में समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है। उन्होंने बताया की परमपिता से जुड़ने के लिए सन 1937 में सिंध हैदराबाद में इस संस्था की शुरुआत हुई थी जो विगत 85 वर्षों से कार्य कर रही है तथा 147 देशों में कार्यरत है। स्कूलों की भांति ईश्वरीय विश्वविद्यालय ,राजयोग ,दिव्य गुणों की धारणा ,ईश्वरीय अवधारणा जैसे विषयों को लेकर संपूर्ण विश्व में ज्ञान चेतना जागृत करने के उद्देश्य को लेकर कार्य कर रहा है।उन्होंने बताया की ”अंब्रेला थीम आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर” जिसका प्रधानमंत्री ने शुभारंभ किया था । उसी पर चलते हुए हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुंचने का काम कर रहे हैं कोरोना काल मे मीडिया ने अपनी अहम भूमिका निभाई ओर कई लोगो की जान बचाई है।
उन्होंने कहा आज हर प्रोफेशन को मीडिया की आवश्यकता है।जिज्ञासा मानवीय गुण है जिसे मीडिया पूर्ण करती है।उसके माध्यम से हम अपडेट होते हैं व ज्ञान अर्जित करने के साथ-साथ जानकारी भी प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा की अतिरंजित खबरों से समाज मे नकारात्मकता आने का खतरा मौजूद रहता है जिससे हमें बचना चाहिए तथा अपनी खबरों में उज्जवल पक्ष लेकर सकारात्मकता की ओर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय निर्भीक पत्रकारिता थी।जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए वातावरण तैयार किया।कलम में बहुत ताकत होती है।कलम को कमल फूल की तरह बनाना है जो कीचड़ में रहकर भी सुंदर और स्वच्छ बना रहता है।कलम को हथियार बनाने के बजाए स्वर्णिम भारत निर्माण का औजार बना कर संसार के निर्माण में भूमिका निर्वाह करें।साहित्य समाज का दर्पण है की कहावत को हम ऐसा भी कह सकते हैं किस साहित्य समाज के निर्माण में अहम भूमिकाका निर्वहन करता है।
प्रातः काल के स्वर्णिम समय मे ईश्वर की भक्ति कर घर से बाहर से निकलने से नकारात्मकता का असर नही होगा। समाज में सकारात्मकता के साथ संदेश पहुंचाने से ही हमारा यह अमृत महोत्सव सफल होगा।
। गोष्ठी में पत्रकार राजेश रागी,मुकेश रावत,बलभद्र राय, राजू दुबे,अभिषेक असाटी,आशीष बड़ोनिया,नवनीत जैन,अंशुल असाटी,धर्मेंद्र राय,फईम खान,आशीष चौरसिया,मोहित जैन आदि मौजूद रहे