श्रावस्ती इन दिनों ठंड बढ़ती जा रही है। तापमान सात डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है। राहगीर, गरीब सबकी हालत पतली है। इधर, ठंड से लोगों के बचाव के लिए अलाव जलाने का दावा सिर्फ कागजी कोरम ही दिख रहा है। किसी चौराहे, मोहल्ले व गांव पर न आग की लपटे दिख रही है न ही लकड़ी तक कहीं गिरी है। जबकि प्रशासन का दावा है अलाव नियमित जल रहा है। इधर लोगों को ढूंढे कहीं अलाव जलते नहीं दिख रहे हैं। शहरी इलाके ही नहीं गांव के बाजारों में भी कमोवेश कुछ यही हाल है। ग्रामीणों का तो यहां तक आरोप है कि तहसीलों, कचहरी तक में अलाव की व्यवस्था नहीं है।
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