देवताओं और दानवों के युद्ध के बीच जो समुद्र मंथन हुआ था उसमें एक बहुमूल्य रत्न की प्राप्ति हुई थी और वह है शंख। शंख को मां लक्ष्मी का स्वरूप कहा जाता है। इसके बिना लक्ष्मीजी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती। कहते हैं घर में रोजाना शंखनाद करने से एक प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही आपका शरीर भी निरोगी रहता है। इसके अलावा शंख को ज्योतिषीय महत्व भी बहुत खास है। शंख को बजाने से कई ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। आइए जानते हैं शंख से जुड़े कुछ खास उपाय
मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद शंख बजाकर सुंदर कांड का पाठ करने से मंगल के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और आपके मन से सभी प्रकार के अज्ञात भय का नाश होता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल का दोष है वे इस उपाय को करेंगे तो उन्हें मंगल की भी विशेष कृपा प्राप्त होगी और हनुमानजी भी प्रसन्न होंगे।
मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने के लिए शंख में चावल भरकर रखें और लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखें। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और साथ ही आपके घर में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है। शंख में चावल भरकर किसी गरीब की झोली में डालेंगे तो आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति होगी।
कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए बुधवार को शालिग्रामजी का शंख में जल भरकर अभिषेक करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव आपकी कुंडली से समाप्त होते हैं। अभिषेक करने वाले जल में तुलसी का प्रयोग जरूर करें।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और कुंडली में गुरु को मजबूत बनाने के लिए गुरुवार को शंख का केसर से तिलक करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में गुरु ग्रह ही स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही आपको भगवान विष्णु की कृपा से सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
शुक्र ग्रह सभी जीवन में सौंदर्य, आकर्षण, प्रेम और भौतिक सुविधाओं का कारक माना जाता है। शुक्र के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए भी शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर रखें और रोजाना कच्चे दूध से शंख को धोएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी भी आपसे प्रसन्न होंगी और सदैव खुशहाल बने रहने का आशीर्वाद देंगी।
रोजान शंख में जल भरकर सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सूर्य भी आप पर प्रसन्न होंगे और सभी अशुभ प्रभावों को दूर कर देंगे। सूर्य के प्रसन्न होने से आपको आरोग्य की प्राप्ति होगी और आप समाज में सम्मान प्राप्त करेंगे।