शिमला । हिमाचल प्रदेश में रविवार को सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट का गठन हो गया। शिमला में राजभवन में रविवार सुबह सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। सबसे पहले पूर्व मंत्री और पूर्व लोकसभा सदस्य और सोलन से सबसे पुराने विधायक धनी राम शांडिल इसके बाद सिरमौर के शिलाई से छह बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान किन्नौर के पूर्व डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह बेटे शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह कांगड़ा के जवाली से चंदर कुमार कुसुमपट्टी से विधायक अनिरुद्ध सिंह और जुब्बल-कोटखाई से चार बार के विधायक रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली है। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उनके साथ डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मुकेश अग्निहोत्री को दी गई। अब कांग्रेस की सरकार लगभग एक महीने बाद मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने यहां 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। यानी कांग्रेस की सरकार बनना तय है। इस चुनाव में बीजेपी के खाते में 25 तो अन्य के हिस्से में तीन सीटें आई है। वहीं आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। इस चुनाव में 412 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर थी। कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर घमासान की स्थिति है। दरअसल प्रतिनिधित्व को लेकर विभिन्न क्षेत्रों जातियों और गुटों को साधना सबसे मुश्किल माना जा रहा है। सीएम सुक्खू को पुराने और नए चेहरों को शामिल करते हुए संतुलन बनाना होगा। सूत्रों के मुतबिक 12 में से अब तक तीन जिलों को प्रतिनिधित्व मिल गया है। हमीरपुर से सुक्खू ऊना से अग्निहोत्री और चंबा के भटियात से पांच बार विधायक कुलदीप पठानिया विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके अलावा लाहौल और स्पीति और किन्नौर के जनजातीय क्षेत्रों को एक मंत्री मिलने की उम्मीद है।
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