पदस्थ होते ही बोले आरोप निराधार हुये साबित
बक्सवाहा से अभिषेक असाटी
पिछले कुछ माह से विवादों में चल रहे सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बक्सवाहा में पूर्व शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी को अब पुनः पदस्थ कर दिया गया है जिसके पश्चात उन्होंने अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।
पदस्थ होने के बाद शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी ने मीडिया को दिए हुये एक ब्यान में कहा कि “मुझ पर जो आरोप लगे हुए वह निराधार साबित हुये है।
तथा जो हितग्राहियों के द्वारा आरोप लगाये गये है वह मामला डीआर साहब से संबंधित था।”
यह था पूरा मामला
गत समय पूर्व दुग्ध समितियों के नाम पर फर्जी खाते बनाकर राशि का आहरण किए जाने के आरोप शिकायती पत्र के माध्यम से हितग्राहियों द्वारा लगाये गये थे। तो वहीं गढोही निवासी संतोष यादव पिता पूरनलाल यादव द्वारा दिये गए आवेदन में बताया गया था कि मैं 2019 से दुग्ध सहकारी समिति गढोही का संचालन कर रहा हूँ. मेरी समिति का खाता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में संचालित है. 06 माह पूर्व बैंक मैनेजर द्वारा लोन दिलवाने की बात कहकर कुछ दस्तावेजों व चेकों पर हस्ताक्षर करवा लिए व आस्वासन दिया गया कि बैंक से लोन दिलवा देंगे और पास बुक और चेक बुक अपने पास जमा कर ली। तथा अब से कुछ समय पूर्व बैंक मेनेजर द्वारा आवेदक को बताया गया कि उसे कोई लोन प्राप्त नही हुआ है, जबकि आवेदक को सूचना मिली कि उसके खाते से लाखो रुपये का आहरण किया जा चुका है। आवेदक संतोष यादव ने आवेदन के माध्यम से कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक छतरपुर को मामले से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देशन पर 06 दिसम्बर 2021 को डीआर तथा महाप्रबंधक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बक्सवाहा में पहुंचकर सारा रिकॉर्ड जप्त किया और जाँच शुरू की, वहीं जाँच निष्पक्ष हो इसके लिए बक्सवाहा शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी को स्थानांतरित कर जिला मुख्यालय अटैच किया गया और बक्सवाहा शाखा प्रबंधक के लिए प्रथम आदेश जगन्नाथ सिंह के लिए जारी किया गया था।जिसके पश्चात विवादित शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी को अब पुनः बक्सवाहा शाखा में पदस्थ कर दिया गया है।
पहले भी रहे विवादित
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी बक्सवाहा शाखा की कमान पिछले करीब पांच सालों से संभाले हुए हैं. जो शाखा के बाहर बैठकर ही अपना काम संभालते आये हैं तथा कई विवादों में भी रहे है एवं एक बार सस्पेंड भी हुए और बहाल भी हुये है।
इनका कहना है कि…..
“मामला संज्ञान में आया है मैं इसकी जांच करवाता हूँ।”
-संदीप जी. रामप्पा, कलेक्टर छतरपुर