विधायक रामपाल सिंह राजपूत ने कथा श्रवण कर लिया आशीर्वाद
देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
भागवत कथा भगवन का रुप होती है भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जनमांतर के पाप नष्ट हो जाते है। सच्चे मन से कथा का श्रवण करने से भक्त को भगवान से मिला सकने में कथा सहायक हो सकती
है। भक्त को भगवानके प्रति सच्ची श्रद्वा रखनी चाहिए। कथ सुनना ही नही बल्कि सुनी गई कथाका मनन भी करना चाहिए। ताकि कथा सुनने का लाभ मिल सके ।
यह उद्गार ब्रम्हऋषि,ब्रम्हचारीजी महाराज वापोली वालो ने व्यक्त
किए । वह शिवलोक कालोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस मौजूद श्रद्वालुओं को कथा का रसा स्वादन करा रहे थे । यहां पर भगवान कपिल देवहूति व अजामिल की कथा का भी वर्णन किया गया ।
कथा वाचक ने श्रीकृष्ण के अवतार की कथा को सुनाते हुए कहा कि राजा कंस का आतंक जब चारों ओर व्याप्त हो गया था तो भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी के यहां अवतार लिया। कंस ने उनकी सगी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव को कारागार में बंद कर दिया था। उनको कष्ट दिए जा रहे थे तो परमात्म सत्ता उस कारागार में प्रकट हो जाती है। परमात्मा के दिव्य रूप को देखकर कैद में पड़े हुए देवकी और वसुदेव के समस्त बंधन अपने आप ही टूट जाते हैं। भगवान के दिव्य स्वरूप को देखकर उनको अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। भगवान से विभिन्न तरह से वह प्रार्थना करने लगते हैं। अंधकार से भरेहुए उस कारागार में चारों और परमात्मा का दिव्य प्रकाश व्याप्त हो जाता है।
उन्होने बताया कि आलौकिक छटा के मध्य में भगवान के चतुर्भुज स्वरूप का दर्शन करके वसुदेव और देवकी माता धन्य हो जाती हैं । माता देवकी उस चतुर्भुज रूप को देखकर गदगद कंठ से भगवान की अनेक प्रार्थना करते हुए उनसे कहती हैं कि आप यदि मेरे पुत्र के रूप में प्रकट हुए हैं तो इस चतुर्भुज रूप को त्याग कर नन्हे शिशु के रूप में आप आ जाइए जिससे कि मुझे मातृत्व का अनंत सुख प्राप्त हो सके। उस अनंत सुख को पाकर मैं धन्य हो जाऊंगी। कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को कथा स्थल पर भी धूमधाम से मनाया गया ।
विधायक रामपालसिंह ने लिया आशीर्वाद
कथा का श्रवण करने विधायक रामपाल सिंह राजपूत भी पहुचें। उन्होने श्रोताओं के बीच बैठकर कथा का रसास्वादन किया । तथा ब्रम्हऋषि, ब्रम्हचारीजी महाराज वापोली वालो के दर्षन कर चरण वंदना की। व्यासगादी की पूजा अर्चना कर आषीर्वाद प्राप्त किया । इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष विजय शुक्ला ,अनुसूचित जनजाति मोर्चा मण्डल अध्यक्ष रवि माण्डरे, मण्डल अध्यक्ष दीपक रघुवंशी, आदि भी मौजूद रहे।