सतीश मेथिल सांचेत रायसेन
सांचेत में उपभोक्ता को परेशान राशन दुकानों से चावल अधिक तो कम मात्रा में हो रहा गेहूं का वितरण अधिकारी का कहना-गेहूं की जगह आ रहा चावल बाजार में गेहूं के दाम में तेजी आने के बाद अब सरकार ने फ्री में बांटने वाले गेहूं पर लगाम लगा दी है। ऐसे में गरीब की थाली से गेहूं की रोटी गायब हो गई है और उसे मजबूरी में चावल खाकर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है।
गेहूं का आवंटन कब होगा यह अभी स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में अब गरीबों के सामने बाजार से मंहगे दाम पर गेहूं खरीदकर खाना परेशानी बना हुआ है। ऐसे में सरकार की निशुल्क खाद्यान वितरण (अन्नपूर्णा योजना) गरीब परिवारों को सहारा नहीं दे पा रही है।
इस मामले में जिम्मेदार भी जानकारी देने से बच रहे हैं। पिछले चार माह से ऐसी स्थिति क्षेत्र के उपभोक्ता भंडारों पर देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से गेहूं के स्थान पर गरीब परिवारों को चावल का वितरण किया जा रहा हैं, जो परिवारों के लिए आर्थिक समस्या पैदा कर रहा हैं।
20 से 22 रुपए किलो में खरीद रहे गेहूं
गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों से जब बात की तो पता चला कि उपभोक्ता भंडार का चावल उपभोक्ताओं के द्वारा खुले बाजार में 13 से 14 रुपए प्रति किलो बेच रहे हैं। इसके बदले में वह 20 से 22 रुपए प्रति किलो के दाम पर गेहूं बाजार से खरीदकर अपना गुजारा कर रहे हैं। एक उपभोक्ता पर लगभग 8 रुपए प्रतिकिलो का भार आ रहा है।
इस संबंध में जब गरीब परिवारों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले चार माह से उन्हें गेहूं के स्थान पर चावल का वितरण किया जा रहा है। कई बार इस संबंध में उपभोक्ता भंडार के सेल्समेन से गेहूं देने को कहा भी, लेकिन उन्होंने कहा कि गेहूं का आवंटन नहीं होने से चावल दिया जा रहा है। ऐसे में हमारे सामने दिक्कत खड़ी होने लगी है।
लोगों का कहना है कि प्रति सदस्य को 5 किलो गेहूं मिलने से हमें पूरे महीने भर का राशन उपलब्ध हो जाता था और हमें बाजार में खरीदने नहीं जाना पड़ता था। लेकिन अब गेहूं खरीदने के लिए अलग से पैसे का इंतजाम करना पड़ रहा है, जो हमारे लिए गंभीर आर्थिक समस्या बनी हुई है
दुकान संचालक सुनील साहू का कहना है कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 2 किलो गेहूं 3 किलो चावल एक रुपए किलो की दर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य 5 किलोग्राम चावल निशुल्क वितरण किया जा रहा है