किचिन शेड निर्माण की राशि आहरण करने के बाद भी नही कराया निर्माण
ग्राम पंचायत वटेर के तत्कालीन सरपंच व सचिव से राशि वसूली के आदेश जिला पंचायत ने किए जारी
प्रशासन निष्पक्ष एजेंसी से जांच करावे तो लाखो रुपए के घोटाले ग्राम पंचायतो में हो सकते है उजागर
देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
सिलवानी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत वटेर के तत्कालीन सरपंच व सचिव पर किचिन शेड निर्माण की राशि आहरण करने के बाद भी निर्माण कार्य ना करा कर शासकीय राशि का दुरुपयोग (गबन) किए जाने के मामले में जिला पंचायत द्वारा तत्कालीन सरंपच व सचिव से क्रमशः नब्बे, नब्बे हजार रुपए की वसूली किए जाने के आदेश जारी किए है।
जनपद पंचायत सिलवानी के तहत आने वाली कतिपय ग्राम पंचायतो में व्यापक पैमाने पर शासकीय राशि का दुरुपयोग किए जाने की जानकारी सामने आई है। लेकिन न्याय संगत कार्रवाही ना होने से ग्राम पंचायतो में कार्यरत अमले के द्वारा लगातार राशि का दुरुपयोग किया जा रहा हैं। एैसा ही एक मामला ग्राम पंचायत वटेर का सामने आया है जहां कि तत्कालीन सरंपच व सचिव ने शासकीय राशि का आहरण कर लिया लेकिन निर्माण कार्य नही कराया।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत वटेर के तहत आने वाले ग्राम वटेर, सलैया तथा मेंढक़ी में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में किचिन शेड का निर्माण कराए जाने को 60 हजार रुपए के मान से लेकर 1 लाख 80 हजार रुपए की राशि वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच स्वीकृृत की जाकर ग्राम पंचायत के खाते में जमा की गई थी। जमा की उक्त राशि 1 लाख 80 हजार निर्माण कराए जाने को लेकर ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरंपच रमेश आदिवासी तथा तत्कालीन सचिव अमर सिंह के द्वारा आहरित की गई। राशि का आहरण किए जाने के बाद भी किचिन शेड का निर्माण नही कराया गया । और ना ही राशि वापिस प्रशासन को की गई।
हालांकि जनपद पंचायत के द्वारा किचिन शेड का निर्माण कराए जाने के लेकर अनेको वार ग्राम पंचायत वटेर को पत्र जारी किए गए। लेकिन इसके बावजूद भी निर्माण नही कराया गया । शासकीय राशि के दुरुपयोग का प्रकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के न्यायालय में चला। समूचे प्रकरण की विवेचना तथा जांच के दौरान निष्कर्ष निकला कि तत्कालीन सरपंच रमेश आदिवासी व सचिव अमर सिंह के द्वारा शासकीय राशि का दुरुपयोग किया किचिन शेड निर्माण की 1 लाख 80 हजार की राशि दोनो से ही वसूली योग्य है। तत्कालीन सरंपच व सचिव को अपना प़क्ष रखने का पूर्ण मौका दिया गया लेकिन वह प़़क्ष रखने के लिए पेशी पर उपस्थित नही हुए।जिस पर वसूली हेतु जारी किए गए आदेश में उल्लेख किया गया है कि मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 (4) के तहत अनावेदको को शासकीय स्वीकृत निर्माण कार्य की राशि का दुरुपयोग कर जनहित के निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमित्ता का दोषी पाया जाता है। रमेश आदिवासी तत्कालीन सरंपच ग्राम पंचायत वटेर को जारी आदेश दिनांक से 6 वर्ष की अवधि के लिए किसी भी ग्राम पंचायत, ग्राम निर्माण समिति, ग्राम विकास समिति के सदस्य होने के लिए अयोग्य किया जाता है। प्रकरण में कुल वसूली योग्य राशि 1 लाख 80 हजार रुपए वसूल किए जाने हेतु तहसीलदार को आदेशित किया गया है कि अनावेदक तत्कालीन सरंपच रमेश आदिवासी व सचिव अमर सिंह आदिवासी से क्रमश: 90/ 90 हजार रुपए की राशि भू राजस्व संहिता के प्रावधान के अनुसार वसूली जाकर जिला पंचायत रायसेन के मद में राशि जमा करावे।
यह तो वटेर ग्राम पंचायत का एक उदाहरण है जहां कि शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया । जवकि जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत वम्होरी वर्धा में भी ग्राम पंचायत भवन तथा आगंनवाड़ी केंद्र का निर्माण कार्य करीब 5 साल बाद भी पूर्ण नही होना व राशि का आहरण किया जाना बताया जा रहा हैं। यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि करीब 5 साल बाद भी निर्माण कार्य क्यो पूर्ण नही हो सके है।