सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी
लगभग साढ़े चार साल से अधिक समय तक इस ऐतिहासिक नगरी की परिषद निर्वाचित परिषद विहीन प्रशासन के हाथों चलती रही जिससे लोगों को अपनी समस्या हेतु जद्दोजहद करनी पड़ी अब लंबे अरसे बाद नगरीय निकाय चुनाव हो चुके हैं उम्मीदवारों के भाग्य ईवीएम मशीन में कैद है जो 20 जुलाई को मतगणना के साथ खुल जायेंगे अब अध्यक्ष पद पर दावेदारो की निगाहें टिकी हुई है।
जानकारी के अनुसार लगभग साढ़े चार साल का लंबा अरसा इस विश्व विख्यात ऐतिहासिक स्थल पर निर्वाचित परिषद विहीन गुजरा है इस दौरान इस अरसे में कमान प्रशासन को संभालनी पड़ी है जिससे लोगों को अपनी समस्या से जूझना पड़ता रहा है लोगों के साथ ही निर्वाचित परिषद में हिस्सा लेने वाले भी चुनाव का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे अब इस नगर के नगरीय निकाय चुनाव तो निपट गए हैं तथा चुनाव में हिस्सा लेने वाले पार्षद पदों पर चुनाव लडने वाले उम्मीदवारों के भाग्य भी ईवीएम मशीन में कैद हो चुके हैं तथा मतगणना 20 जुलाई को होने के साथ ही उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा फैसला होते ही अध्यक्ष पद पर आसीन होने के रास्ते भी साफ हो जायेंगे । हालांकि पार्षद का चुनाव लडने वाले अध्यक्ष पद पर आसीन होने के सपने संजोए हुए है तथा मतगणना का से इंतजार कर रहे हैं साथ ही उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के दावे ठोकते दिखाई दे रहे हैं परन्तु यह दावे मतगणना के साथ ही सच साबित होगे अध्यक्ष पद के दावेदारों के नाम भी तभी उजागर हो सकेगें जब जीत का सहरा सर पर बंद जायेगा ।इसीके साथ नगरवासियों को भी निर्वाचित परिषद का बेसब्री से इंतजार हो रहा है नगर में भी चर्चा जोरों पर चल रही है तब यह तो निश्चित माना जा रहा है कि नगर परिषद में भाजपा पदासीन हो सकती है इस परिषद में कुल 15 वार्ड हैं इसमें एक वार्ड पहले ही भाजपा के पक्ष में निर्विरोध हो चुका हे जब कि 14 वार्ड में भाजपा ने मजबूत होकर चुनाव लडा है जबकि कांग्रेस इस परिषद चुनाव में काफी कमजोर दिखाई दी है जबकि भाजपा की ओर से मंत्री बड़े नेताओं ने काफी प्रचार प्रसार किया है जबकि कांग्रेस के किसी नेता को इस नगर में न तो प्रचार न ही प्रसार करने की फुर्सत मिल सकी वैसे भी कांग्रेस ने चार वार्ड में अपने उम्मीदवार ही नहीं उतारे तथा कांग्रेस से जितने भी उम्मीदवार खड़े हुए उन्होंने अपनी दम खम पर ही चुनाव लडा । हालांकि चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही कांग्रेस के नगर अध्यक्ष का स्तीफा भी कहीं न कहीं कांग्रेस की कमजोरियां उजागर करता दिखाई दिया इतना ही नहीं कुछ कांग्रेसी तो भाजपा को जिताने की कवायद की चर्चा भी चली बहरहाल भाजपा ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ गई जो नगर में चर्चित लोगों की जुबान पर परिषद पर कब्जा जमाने में आगे दिखाई देने लगी है तथा कांग्रेस बहुत पीछे हो चुकी है हालांकि लोगों ने कहना भी शुरू कर दिया है कि परिषद पर भाजपा आसीन होने की संभावना बढ़ गई है । इतना ही नहीं अब कांग्रेस के पिछड़ने से अध्यक्ष पद पर भी भाजपा में ही घमासान होने के आसार बढ़ते दिखाई दे रहे हैं तथा अध्यक्ष पद पर खींचतान होने की भी संभावना जताई जा रही है ।