सुरेन्द्र राजपूत
भोपाल। मामला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का है जहां विभागीय अधिकारियों द्वारा मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों की अवहेलना करते हुये करोड़ों का काम CEDMAP को दे दिया गया । दरअसल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में RGSA अंतर्गत लगभग 1100 पदों पर सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भर्ती किया जाना है जिसके लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया जाना था परंतु अधिकारियों की साँठ गांठ एवं मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों की अवहेलना करते हुये यह काम बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सीधे CEDMAP को दे दिया गया । जिससे यह प्रतीत होता है की इसमें भ्र्स्टाचार की पूर्ण संभावना है ।
ई – टेंडर प्रणाली का पालन नहीं किया गया –
मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 कि कंडिका 11.2 खुली निविदा (11.2.1) अनुसार भंडार क्रय अनुसार ई – टेंडर प्रणाली के अंतर्गत कार्यवाही नहीं कि गई । जबकि उक्त कंडिका में साफ उल्लेख है की 5 लाख से ऊपर किसी भी प्रकार के क्रय में ई-टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाए ।
CEDMAP को भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत सेवा उपार्जन हेतु आरक्षित / अधिकृत सेवा प्रदाता नहीं है –
CEDMAP को भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत सेवा उपार्जन हेतु आरक्षित / अधिकृत सेवा प्रदाता के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है इसलिए इस प्रकार कि संस्थाओं का सीधे एकल नामांकन के आधार पर चयन नहीं किया जा सकता है।
सूक्ष्म , लघु तथा मध्यम उद्यम विभाग द्वारा एकल नामांकन के आदेश को निरस्त कर दिया गया है –
सूक्ष्म , लघु तथा मध्यम उद्यम विभाग द्वारा नियोक्ता CEDMAP को पत्र क्रमांक 1086 /667/2019/अ-73(संलग्न) दिनाँक 17/06/2019 को CEDMAP को विभन्न विभागों के शासकीय कार्य सौंपे जाने कि अनुशंसा कि गई थी, परंतु पत्र क्रमांक 2207/667/2019/अ-73(संलग्न) दिनाँक 05/11/2019 को उक्त आदेश को पूर्णतः निरस्त कर दिया गया । यदि उक्त आदेश निरस्त कर दिया गया तो कैसे नियोक्ता CEDMAP को सीधे एकल नामांकन के आधार पर चयन कर लिया गया ।
सरकार के पैसों का दुरुपयोग –
नियोक्ता CEDMAP का चयन 10% सेवा शुल्क के आधार पर किया गया, यदि खुली निविदा के आधार यदि किसी निजी संस्था का चयन किया जाता तो यह कार्य 2 – 3 % सेवा शुल्क में किया जा सकता है । जिससे यह प्रतीत होता है की सरकार के पैसों का व्यर्थ उपयोग किया जा रहा है ।