कर्मफलदाता शनिदेव के बाद धन और वैभव के कारक देवगुरू बृहस्पति जुलाई में उल्टी चाल चलने वाले हैं। 13 अप्रैल को गुरु अपनी स्वराशि मीन में गोचर करचुके हैं। तब से इसी राशि में विराजमान हैं। इसके बाद 29 जुलाई को गुरु अपनी स्वराशि में वक्री हो जाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की उल्टी चाल का प्रभाव कुछ राशि वालों पर देखने को मिलेगा।
वृषभ- वृषभ राशि वालों को देवगुरु बृहस्पति की उल्टी चाल का अनुकूल प्रभाव मिलेगा। इस राशि से जुड़े जातकों के व्यापार में वृद्धि हो सकती है। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को तरक्की मिल सकती है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
मिथुन- मिथुन राशि वालों जातकों के यह समय बेहद शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपकी वाणी मधुर रहेगी। गुस्से पर काबू रखें। वक्री गुरु की अवस्था में आपको कम प्रयासों का अधिक लाभ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में किसी विशेष व्यक्ति से मार्गदर्शन मिल सकता है।
कर्क- कर्क राशि वालों के लिए यह समय बेहद लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपके धन, यश, मान-सम्मान, पद व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कोई रुका हुआ काम पूरा हो सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नए निवेश में सफलता मिलेगा।
कुंभ- कुंभ राशि वालों को 29 जुलाई से वक्री गुरु लाभ ही लाभ दिला सकते हैं। आपको कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल हो सकती है। वाहन या भवन सुख की प्राप्ति हो सकती है। करियर में तरक्की मिलने के आसार हैं। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा।