उवेश खान सिलवानी रायसेन
श्रद्धा, भक्ति और आस्था का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के ग्राम सियरमऊ में, जहां भव्य चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया। माता रानी के भक्तों की यह श्रद्धा हर साल बढ़ती ही जा रही है, और इस बार माता खेड़ापति सरकार को 1051 फीट लंबी चुनरी अर्पित की गई। गांव में इस आयोजन की गूंज कई दिनों पहले से सुनाई देने लगी थी। हर घर में भक्ति का माहौल था, श्रद्धालु माता की स्तुति में लीन थे। यात्रा की शुरुआत ग्राम सियरमऊ के हनुमान मंदिर से हुई, जहां श्रद्धालुओं ने मंगलाचरण और हवन-पूजन कर माता रानी को आमंत्रित किया। इसके बाद सैकड़ों भक्तों ने सिर पर चुनरी धारण कर यात्रा निकाली, जो पूरे गांव के मुख्य चौक, गलियों और मोहल्लों से होती हुई पुराना खेड़ा में स्थित मां खेड़ापति सरकार के दरबार में पहुंची।
गांव की हवा में गूंजे माता रानी के जयकारे
इस दौरान पूरा गांव भक्ति के रंग में रंगा नजर आया। यात्रा के आगे-आगे श्रद्धालु ढोल-नगाड़े, शंख और झांझर की ध्वनि के साथ नृत्य करते हुए चल रहे थे। राहतगढ़ के ताश ढोल और सिलवानी के बैंड-बाजों ने ऐसा समा बांधा कि हर भक्त भक्ति में झूमने को मजबूर हो गया। भक्तजनों ने गुलाल उड़ाकर, पुष्प वर्षा कर माता रानी का स्वागत किया। माता की स्तुति में जयकारों की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी। ग्रामवासियों ने ध्वज और चुनरी को कंधे पर उठाकर यात्रा पूरी की।गांव के हर घर से श्रद्धालुओं ने यात्रा पर फूलों की वर्षा की, भक्ति गीतों की धुन बजाई, जिससे यह यात्रा पूरे इलाके में श्रद्धा और समर्पण का सबसे बड़ा उदाहरण बन गई।
गांव में पिछले 10 वर्षों से जारी है यह पावन परंपरा
ग्राम सियरमऊ में यह चुनरी यात्रा पिछले 10 वर्षों से लगातार निकाली जा रही है। हर वर्ष यह आयोजन और भव्य होता जा रहा है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह यात्रा पूरे क्षेत्र में सामाजिक एकता, भाईचारे और भक्ति की अनूठी मिसाल बन चुकी है। इस आयोजन को सफल बनाने में साईराम समिति, ग्रामवासी और क्षेत्रवासियों का विशेष सहयोग रहता है। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, और माता का आशीर्वाद पूरे गांव को मिलता है।
मंदिर में माता को अर्पित की गई चुनरी, हुआ विशेष अनुष्ठान
भक्तों की विशाल भीड़ के साथ चुनरी माता के दरबार में पहुंची, जहां विशेष अनुष्ठान कर माता को चुनरी अर्पित की गई। इस अवसर पर महाआरती का आयोजन किया गया, गांव के श्रद्धालुओं ने माता रानी से सुख-समृद्धि की कामना की।
यात्रा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान
इस यात्रा को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए ग्रामवासियों और आयोजकों ने विशेष प्रबंध किए थे। पुलिस प्रशासन ने भी यात्रा मार्ग पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए, जिससे श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के माता के दरबार तक पहुंच सके। गांव के युवाओं की टोली यात्रा मार्ग पर सफाई, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की देखरेख कर रही थी, ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अगले वर्ष और भव्य आयोजन की तैयारी
यात्रा संपन्न होने के बाद गांववासियों और समिति के सदस्यों ने संकल्प लिया कि अगले वर्ष यह आयोजन और भी भव्य किया जाएगा। माता के दरबार में इस बार 1051 फीट की चुनरी अर्पित की गई थी, लेकिन अगले साल इसे और बड़ा करने की योजना बनाई जा रही है। श्रद्धालुओं ने माता से अपने परिवार और गांव की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। आयोजकों ने बताया कि अगले वर्ष अधिक श्रद्धालुओं को जोड़कर यह यात्रा और भव्य रूप से निकाली जाएगी।
चुनरी यात्रा बनी भक्ति, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक
ग्राम सियरमऊ में निकाली गई यह चुनरी यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गांव की आस्था, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुकी है। इस यात्रा में हर जाति, हर वर्ग और हर उम्र के लोग शामिल हुए, जिससे यह आयोजन सामाजिक समरसता का संदेश भी देता है।
भक्तों के चेहरे पर दिखी अद्भुत आस्था और विश्वास की चमक
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के चेहरे पर आस्था और भक्ति की अद्भुत चमक थी। कई बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी भव्य और अलौकिक चुनरी यात्रा पहले कभी नहीं देखी।गांव के बुजुर्गों का कहना था, “माता रानी की कृपा से ही यह यात्रा इतनी सफल हो पाई। हमारी आने वाली पीढ़ी भी इस परंपरा को आगे बढ़ाएगी।”
माता रानी की कृपा से सफल हुआ आयोजन
आयोजन के समापन पर आयोजकों, समिति के पदाधिकारियों और गांव के बुजुर्गों ने माता रानी का आभार व्यक्त किया और उनके आशीर्वाद से यह यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस तरह ग्राम सियरमऊ में आयोजित हुई यह चुनरी यात्रा श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की अनूठी मिसाल बन गई। यह यात्रा हर वर्ष की तरह इस बार भी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, और अब सभी को अगले वर्ष की भव्य यात्रा का इंतजार है।