श्रीश्री रविशंकर विद्या मंदिर प्री-स्कूल, इंदौर द्वारा आयोजित विज्ञान सम्मेलन में छोटे बच्चों ने दिखाया विज्ञान का जादू
इंदौर। श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर प्री-स्कूल, उषानगर, इंदौर द्वारा आयोजित विज्ञान सम्मेलन में 2 से 6 वर्ष के बच्चों ने विभिन्न विज्ञान प्रयोगों का प्रदर्शन किया। इन प्रयोगों में फ्लोट और सिंक, एसिड-बेस और न्यूट्रलाइजेशन प्रोसेस, मैग्नेटिज्म, वॉटर प्यूरिफिकेशन, फायर नीड्स ऑक्सीजन टू बर्न, प्रोडक्शन ऑफ सेकेंडरी कलर्स, सेंसरी ऑर्गन्स, आइस साल्ट एक्सपेरिमेंट, एयर प्रेशर, बैलून स्टैटिक चार्ज, राइजिंग वॉटर, कैपिलरी एक्शन, वॉटर डेंसिटी, सोप एक्शन ऑन जर्म्स और कई अन्य प्रयोग शामिल थे।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. के.एन. गुरुप्रसाद, निदेशक विज्ञान, वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर ने बच्चों के प्रदर्शन को देखकर कहा, “यह देखकर बहुत खुशी हुई कि इतने छोटे बच्चे विज्ञान के बारे में इतना कुछ जानते हैं। यह उनकी जिज्ञासा और सीखने की इच्छा को दर्शाता है। मैं बच्चों और उनके शिक्षकों को बधाई देता हूँ।”
डॉ. गुरुप्रसाद ने आगे कहा, “जब मैं इन बच्चों की उम्र का था, तो हमें विज्ञान के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी। और आज भी कई स्कूलों में इस उम्र के बच्चों को विज्ञान के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी जाती है। लेकिन यह स्कूल विज्ञान के प्रति बच्चों की रुचि को बढ़ावा देने के लिए बहुत अच्छा काम कर रहा है। आपके बच्चे युवा वैज्ञानिक बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।”
डॉ गुरुप्रसाद ने छात्रा माईशा हातूनिया को साइंस प्रोडीजी पुरस्कार, तथा छात्रा पर्ल सचदेवा को विशेष प्रदर्शन ट्रॉफी से पुरस्कृत किया ।इसके अलावा, सभी बच्चों को भागीदारी ट्रॉफी से भी सम्मानित किया गया, जो उनकी मेहनत और उत्साह को दर्शाता है।
प्रिंसिपल डॉ. मोनिका जैन ने माता-पिता और बच्चों के लिए एक संदेश दिया, “हमें अपने बच्चों पर गर्व है जिन्होंने विज्ञान सम्मेलन में इतनी अच्छी तरह से प्रदर्शन किया। हमारे स्कूल में हम हर गुरुवार को वैज्ञानिक प्रयोगों का आयोजन करते हैं, जिसे हम ‘वैज्ञानिक गुरुवार’ कहते हैं। यह आयोजन बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ावा देता है और उन्हें विज्ञान के बारे में और अधिक जानने के लिए प्रेरित करता है। बच्चे अब ‘क्यों’ और ‘कैसे’ पूछने लगे हैं, जो उनकी सीखने की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा, “हमें इस सम्मेलन के लिए सभी का सहयोग मिला, जिसके लिए हम आभारी हैं। हमें उम्मीद है कि यह सम्मेलन बच्चों को विज्ञान के प्रति और अधिक आकर्षित करेगा और उन्हें इसके बारे में और अधिक जानने के लिए प्रेरित करेगा। हम सभी उपस्थित माता-पिता को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित किया।”
इस सम्मेलन की सफलता में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। हम अपने शिक्षकों श्रीमती रीना उपाध्याय, अंकिता शर्मा, डिंपल पमनानी, निवेदिता कोचले को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने बच्चों को विज्ञान के बारे में सिखाने और उन्हें इस सम्मेलन के लिए तैयार करने में बहुत मेहनत की।इस सम्मेलन के लिए धन्यवाद ज्ञापन आरोही मालवीय ने किया।