ग्वालियर। ग्वालियर के कण-कण में संगीत समाया हुआ है। देश-दुनिया में संगीत की आस्था का केन्द्र है ग्वालियर। यहां के इतिहास में जहां तानसेन एवं बैजू बावरा ने संगीत से पूरी दुनिया में ग्वालियर को पहचान दी उसी कड़ी में आज उदभव संस्कृतिक एंव क्रीड़ा संस्थान नृत्य एवं संगीत के माध्यम से वैश्विक मानचित्र पर ग्वालियर को एक बड़े सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है” उक्त उदगार थे भारतीय नौ सैना के अध्यक्ष पी.वी.एस. एम. एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के जो उन्होंने आज नौ-सैना मुख्यालय में उदभव सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के प्रतिनिधि मण्डल के साथ एक औपचारिक मुलाकात के दौरान व्यक्त किये।
एडमिरल त्रिपाठी ने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व में अपनी अलग पहचान रखती है और उदभव उत्सव जैसे सांस्कृतिक आयोजनों से संस्कृतियों का आदान-प्रदान होता है जो वैश्विक शांति एवं भाई चारे को स्थापित करने की महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने उदभव के कार्यक्रम में आने का आमंत्रण भी स्वीकार किया।
इस अवसर पर उदभव संस्था की 25 वर्षों की यात्रा पर प्रकाशित स्मारिका ”ए जर्नी ग्वालियर टू रोम” तथा ग्वालियर किले की प्रतिकृति उदभव की ओर से नौ-सैना अध्यक्ष को भेंट की तथा उदभव द्वारा भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिये विश्व में विभिन्न देशों में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
उदभव के प्रतिनिधि मण्डल में अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय, सचिव दीपक तोमर एवं सह सचिव प्रवीण शर्मा शामिल थे।