भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने विभागीय खर्चों पर सख्त निगरानी रखने के लिए वित्तीय निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सभी विभागों को 30 करोड़ रुपए से अधिक के भुगतान के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। यह कदम राज्य के वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि सरकारी खर्चों पर बेहतर नियंत्रण रखा जा सके और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
फ्लैगशिप योजनाओं को राहत
यह नियम फ्लैगशिप योजनाओं पर लागू नहीं होगा, जिनमें राज्य की प्रमुख विकास योजनाएँ शामिल हैं। अन्य योजनाओं के लिए विभागीय अधिकारियों को पहले अनुमति लेनी होगी।
कई योजनाओं पर पहले से ही रोक
इससे पहले, राज्य सरकार ने 33 विभागों की 40 से अधिक योजनाओं का बजट रोक दिया था। यह निर्देश अब सुनिश्चित करेगा कि विभाग अनियंत्रित रूप से धन का उपयोग न करें और प्राथमिकता वाली योजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित करें। सभी प्रमुख सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सचिवों को यह निर्देश जारी किया गया है कि वे आदेश का सख्ती से पालन करें।