डॉ मोहन यादव एवं शिवराज सिंह की घोषणा की एक भी लाइन नहीं हुई पूरी-डॉ देवराज सिंह
भोपाल।सूबे के सरकारी कॉलेजों में पिछले दो दशकों से रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा कर रहे अतिथि विद्वानों के महापंचायत का एक वर्ष आज से पूरा हो गया।अतिथि विद्वान महासंघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हैं कहा कि पिछले 11 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अतिथि विद्वानों की महापंचायत बुलाई थी।महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने बताया कि पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्रियों ने घोषणा एलान किया था कि फ़िक्स मासिक वेतन एवं अतिथि विद्वानों को उन्ही पदों में स्थायी किया जाएगा जिस पर वो काम कर रहे हैं लेकिन ये दोनों महत्वपूर्ण घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गई विभागीय आदेश ने इन घोषणाओं की धज्जियां उड़ा दी।डॉ सिंह ने बताया कि अतिथि विद्वानों में काफ़ी आक्रोश देखा जा रहा है।क्योंकि अतिथि विद्वान हर बार छले गए हैं।सरकारों ने हमेशा वादे किए हैं लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।
फ़िक्स मासिक वेतन एवं समायोजन से निकल जाएगा रास्ता
अगर सरकार अपनी घोषणाओं पर अमल करती है तो फिक्स मासिक वेतन एवं समायोजन से रास्ता निकल सकता है।अतिथि विद्वानों ने हमेशा ही यही मांग की है कि सरकार उनको अपना अंग माने क्योकि वही पूरा काम करते हैं।
सरकारी कॉलेजों को अतिथि विद्वान ही करते हैं संचालित
आज प्रदेश के सरकारी कॉलेजों को अतिथि विद्वान ही चला रहे हैं।इनकी संख्या लगभग 5 हज़ार है पूरे प्रदेश में।सभी यूजीसी का मापदंड पूरा करते हैं एवं अनुभवी भी है।प्रदेश में लगभग 7 हज़ार पद रिक्त है जिसमें 5 हज़ार पदों पर अतिथि विद्वान काम कर रहे हैं बाक़ी जो नए लगभग 2 हज़ार पद आए है वो रिक्त पड़े हैं।
इनका कहना हे –
सरकारें बनती गई बिगड़ती गई केंद्र विंदू अतिथि विद्वान ही रहे।विद्वानों के नाम पर सरकार बनी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री,पूर्व मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,मंत्री की घोषणा पूरी नही हुई।ताज्जुब की बात है।फ़िक्स वेतन एवं समायोजन करे सरकार एवं अपना वादा पूरा करे।
डॉ आशीष पांडेय,मीडिया प्रभारी,अतिथि विद्वान महासंघ