घण्टेभर चले अंधड़ के बाद बारिश से मिली राहत
सुरेन्द्र जैन धरसीवा
सोमाबार की शाम लगभग 4 बजे अचानक मौसम ने करवट बदली ओर तेज हवाएं चलना शुरू हो गया लेकिन इन तेज हवाओं में गांव गांव में फैली उधोगों की राखड़ के घुलने से ग्रामीणो को भारी हलाकान होना पड़ा हालांकि बाद में बारिश होने से लोगो ने राहत की सांस ली।
क्षेत्र में सुबह से ही तेज धूप निकली थी और गर्मी अपने पूरे शबाब पर थी लेकिन अचानक शाम 4 बजे से तेज हवाएं चलने लगीं तेज हवाओं के साथ उधोगो की जहां तहां गांवो में फैली राखड़ भी वायुमंडल में फैल गई चहुओर धुंधला दिखाई देने लगा जो राहगीर या दुपहिया चालक जहां थे उन्हें वहीं आसपास रुकना पड़ा तेज हवाओं के साथ उड़ती राखड़ लोगो के नाक गला आंख को निशाना बना रही थी तो वहीं यह राखड़ उड़कर घर घर किचन तक पहुची घण्टेभर चली उधोगो की राखड़ भरी आंधी ने लोगो को हलाकान कर दिया।आंधी के बाद 5 बजे से तेज बारिश शुरू हुई जिससे लोगो को कुछ राहत महसूस हुई।
गांव गांव में फैली है फेक्ट्रियो की राखड़
क्षेत्र के सांकरा निको शमशान घांट सोण्डरा कुम्हारी व अन्य गांवो में कुछ बड़े उधोगो ने सैंकड़ो ट्रक अपनी फेक्ट्रीयो की राखड़ डंप की हुई है जो हवा चलते ही हमेशा वायुमंडल में फैलकर ग्रामीणो के घरों तक पहुँचती रहती है विकास के नाम पर तो कहीं सौन्दर्यकरण के नाम पर कुछ बड़े उधोग सर्वप्रथम अपने उधोगो की सैकड़ों ट्रक राखड़ को गांवो के आसपास ठिकाने लगाने में लगे हैं जहां तहां गांव गांव में भारी मात्रा में फैलाई गई राखड़ हवा चलते ही वायुमंडल में घुलकर ग्रामीणो के घरों व उनके किचन तक पहुच रही है ।
ग्रामीणो के स्वास्थ्य से खिलवाड़
एक तरफ उधोगो की चिमनियों का धुंआ दूसरी तरफ गांव गांव में उधोगो की राखड़ ग्रामीणो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है बाबजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बने हैं क्या ग्रामीणो के स्वस्थ्य से बढ़कर राखड़ प्रदूषण हो गया है यह समझ से परे है।