अनुराग शर्मा सीहोर
शहर के बीच से सीवन नदी और सीटू नाला गुजरता है। इन दोनो में ही सिर्फ बारिश के समय पानी बहता है। बाकी समय नदी-नाले में पानी ठहरा रहता है, लेकिन बारिश के समय ही यह दोनो इतनी तबाही मचाते हैं कि लोगों को करोड़ो का नुकसान हो जाता है। या यूं कहें की सीवन नदी के कारण तो सिर्फ लाखों का नुकसान होता है, लेकिन सीटू नाले से ही ज्यादा नुकसान होता है। इसको ध्यान में रखते हुए नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए है। सीवन नदी और सीटू नाले का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। शुक्रवार की शाम से ही जेसीबी मशीनों से नाले की मिट्टी निकाली जा रही है।
शहर के विकास के लिए पूर्व में नगर पालिका की परिषद ने अरबों रुपए का बजट बनाया था, इस बजट से शहर का सुनियोजित किया हो रहा है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष श्री राठौर के प्रयास से शहर का महानगर की तर्ज पर विकास कार्य किया जा रहा है। शहर की सबसे बड़ी समस्या बारिश के पानी को सहजना है। शहर के सभी वार्डों में पक्की नालियों के निर्माण से गंदा पानी इधर-उधर नहीं बहता है। बारिश के पानी से शहर की सड़कें जल मग्र हो जाती है, इसको ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे है।
नाले के दोनों तरफ फुटपाथ बनाने का प्लान तैयार किया गया है। फुटपाथ बना देने से लोग दोनों तरफ घूम सकेंगे। साथ ही इससे रख रखाव भी सही ढंग से हो सकेगा। इस जगह पर लोगों का आवागमन चलता रहेगा। दोनों तरफ नालियो, सीटू नाले के दोनों तरफ दो नालियां बनाई जाएगी। इन नालियों को बनाने का उद्देश्य गंदे पानी की निकासी रहेगा। इसलिए 2 किमी लंबे नाले की लंबाई में बनाना है जो 4 किमी हो जाएगी। दोनों तरफ से होने वाले निर्माण के कारण काफी राहत मिलेगी। नाले के दोनों तरफ ऊपर नालियां बना दी जाएंगी। अब घरों को जो गंदा पानी नाले में डाला जाता है वह इन नालियों से आगे की तरफ चला जाएगा जिससे नाला साफ रहेगा। इस पानी को आगे जाकर सीवेज की लाइन से जोड़ दिया जाएगा