गर्मी की शुरूआत होते ही इंसानों के साथ-साथ आपके पालतू का भी हाल-बेहाल हो जाता है। इसका कारण यह है कि घने बालों की परत के कारण पालतू को इंसानों के मुकाबले ज्यादा गर्मी लगती है। आमतौर पर गर्मी में पालतू ज्यादातर ठंडी जगहों पर रहना पसंद करते हैं। घरों में कूलर या एसी की हवा उन्हें बहुत सुहाती है, लेकिन जब बिजली गुल होती है तो वे फिर गर्मी से परेशान होने लगते हैं। ऐसे में अब पालतू को ठंडा रखने के लिए कूल बेड्स का कांसेप्ट लाया गया है। इस बेड में लगी मैट सामान्य तापमान के मुकाबले ठंडी होती है और पालतू के शरीर का तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक ठंडा रखती है। अभी कई कंपनियों ने ई-कामर्स वेबसाइटों पर इस तरह के कूल बेड्स लांच किए हैं।
शहर में कई पेट मार्ट पर अब इस तरह के बेड की शुरूआत हो गई है, जिनमें मैट के अलावा स्टैंड वाले बेड भी शामिल हैं। दरअसल, पालतू के साथ दिक्कत यह होती है कि बिजली गुल होने की स्थिति में वह तुरंत ही ठंडे स्थान की तलाश करता है। इस दौरान कई बार वह गीली जगहों पर जाकर बैठ जाता है, जिससे एलर्जी और स्किन इंफेक्शन की संभावना बन जाती है। बालों में नमी रहने पर स्किन में खुजली होने लगती है। इससे पालतू को ज्यादा परेशानी होती है। कूल बेड में लगी मैट में कूलिंग जेल भरा रहता है, जो ठंडा होता है। इस मैट को यदि फ्रिज में रख दिया जाए, तो कुछ ही देर में ये काफी ठंडा हो जाता है और लंबे समय तक सामान्य तापमान में नहीं आता है। ऐसे में एक बार इस मैट को ठंडा कर बेड या फ्लोर पर रख दिया जाता है, तो पालतू इस पर बैठकर राहत महसूस करते हैं।
काटने और रिएक्शन का भी खतरा नहीं
ये मैट विशेष रूप से विनाइल मटेरियल से तैयार की जाती है। कई बार पालतू अपने बेड को ही काटकर बर्बाद कर देते हैं, लेकिन ये विनाइल मटेरियल पालतू के दांतों से कटता नहीं है। इसके अलावा ये चिकना और ठंडा भी रहता है। इसके अंदर भरा हुआ कूलिंग जैल भी नान टाक्सिक यानी अहानिकारक होता है। अगर तमाम प्रयासों के बाद पालतू इस मैट को काट भी देता है, तो भी इसमें मौजूद जैल से उसे कोई नुकसान नहीं होता है। ये बेड आरामदायक होने के साथ ही पालतू में जोड़ों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक होते हैं।