हेल्दी और फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है. खासकर बच्चों के लिए क्योकि आजकल ज्यादातर बच्चे अपना ज्यादा समय कंप्यूटर, टीवी और मोबाइल पर गेम खेलते हुए बिताते हैं. ऐसे में किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण बच्चे मोटापे की समस्या का शिकार हो सकते हैं. अगर बचपन से ही बच्चों को इसके फायदों के बारे में बताया जाए और रोजाना कुछ मिनट एक्सरसाइज करने की आदत डाली जाए तो ये ज्यादा सही रहेगा.
बच्चों को एक्सरसाइज करवाने से उनकी हड्डियों के निर्माण में मदद मिलती है साथ ही मांसपेशियां और जोड़ मजबूत होते हैं. इससे बच्चे के ग्रोथ में भी मदद मिलती है. इसी के साथ ही एक्सरसाइज करना उनकी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद साबित होता है. बच्चों का मूड बेहतर बना रहता है और बच्चों में आत्म-सम्मान बढ़ता है. खेल और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से बच्चों को टीम वर्क, कम्युनिकेशन और टिम वर्क जैसी सोशल एक्टिविटी से विकसित करने में मदद मिल सकती है. लेकिन सवाल ये आता है कि बच्चे को एक्सरसाइज कराने की सही उम्र आखिर क्या है? चलिए इसके बारे में जानते हैं एक्सपर्ट से
बच्चों को योग कराने की सही उम्र
फिटनेस एक्सपर्ट निकिता यादव का कहना है कि बच्चे को योग या फिर एक्सरसाइज करवाने के लिए किसी विशेष उम्र की जरूरत नहीं होती है. लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि योग या एक्सरसाइज सिखाते समय बच्चा आपकी कमांड किस तरह फॉलो कर रहा है. देखा जाए तो 7 से 9 की उम्र बच्चों को योग सिखाने के लिए सही होती है. लेकिन अगर 5 साल का बच्चा भी सही से आपका कमांड को समझकर योगासन कर पा रहा है तो उसके लिए भी ये सही है.
ऐसे में आप 5 से 10 साल के बच्चे को कुछ आसान योगासन करने सीखा सकते हैं. जैसे कि उनके लिए ताड़ासन, पादहस्तासन और उत्कटासन यानी चेयर पोज कुछ आसान कराने सीखा सकते हैं. अगर बच्चा आपके कमांड को सही से समझ और फॉलो कर पा रहा है तो ये योगासन उनके लिए सही रहेंगे. इसी के साथ ही अगर आपका बच्चा सही से आपकी बात समझता साथ ही चलने और बोलने लग गया है तो आप उन्हें फिजिकल एक्टिव रखने के लिए खेल कूद जैसे कि दौड़ना, बॉल कैच, फ्री रनिंग, एरोबिक्स, डांसिंग और हाथों से किए जाने वाले काम कराने सीखा सकते हैं. इस तरह की एक्सरसाइज करने से बच्चों की हड्डियां को मजबूत होने में मदद मिल सकती है. साथ ही मसल्स मास के लिए भी ये सही रहती है.