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साल की पहली ‘मन की बात’ की मोदी ने,रायसेन की भावना और पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन का भी किया जिक्र

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मध्यप्रदेश के रायसेन की बेटी भावना के पत्र का भी “मन की बात” में  जिक्र

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को इस साल (2022) के पहले ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा- आज बापू की शिक्षा को याद करने का दिन है। कुछ दिन पहले ही हमने गणतंत्र दिवस मनाया है। राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी, उसने देश को गर्व और उत्साह से भर दिया है। अब गणतंत्र 23 जनवरी यानी नेताजी की जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी यानी गांधीजी की पुण्य तिथि तक चलेगा।

पीएम ने कहा कि मुझे एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात लिखकर भेजी है। ये देश-विदेश से आए हैं। उन्होंने कुछ पत्र पढ़कर सुनाए। गुवाहाटी की रिद्धिमा के पत्र का जिक्र कर बताया कि उन्होंने लिखा है कि वे आजादी के 100वें साल में ऐसा भारत देखना चाहती हैं, जो दुनिया का सबसे स्वच्छ देश हो,

आतंकवाद से मुक्त हो, 100 फीसदी साक्षर हो।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की नव्या और मध्यप्रदेश के रायसेन की बेटी भावना के पत्र का भी जिक्र किया। 10वीं में पढ़ने वाली भावना ने अपने पोस्टकार्ड को तिरंगे को सजाया, क्रांतिकारी शिरीष कुमार के बारे में लिखा है। गोवा के लॉरेंसो ने आजादी के अनसंग हीरोज के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि भीखाजी भारतीय स्वतंत्रता संग्रा्म में शामिल सबसे बहादुर महिलाओं में से एक थीं। उन्होंने देश-विदेश में अभियान चलाए। मोदी ने बताया कि चेन्नई से मो. इब्राहिम ने लिखा कि वे 2047 में भारत को रक्षा के क्षेत्र में बड़ी ताकत के तौर पर देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि चंद्रमा पर भारत का रिसर्च बेस हो और मंगल पर आबादी बसे। जिस देश के पास आप जैसे नौजवान हों, उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में एक बाघिन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वन विभाग ने इसे टी-15 और लोगों ने कॉलर वाली बाघिन नाम दिया था। बाघिन की मौत पर लोगों को लगा जैसे उनका कोई अपना दुनिया छोड़ गया हो। उसका लोगों ने अंतिम संस्कार किया। इसके फोटो, वीडियो वायरल हुए। इन्हें देखकर दुनिया में प्रकृति और वन्यजीवों के लिए भारतीयों के प्यार के लिए तारीफ की जा रही है। इस बाघिन ने 29 शावकों को जन्म दिया और 25 को पाल-पोसकर बढ़ा किया। भारतीय हर चेतन जीव से संबंध बना लेता है।

मोदी ने मन की बात में नेशनल वॉर मेमोरियल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति और नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति को एक किया गया। इस भावुक अवसर पर शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे। मुझे सेना के कुछ पूर्व जवानों ने लिखा कि शहीदों की स्मृति के सामने प्रज्ज्वलित ज्योति शहीदों की अमरता का प्रतीक है। जब भी अवसर मिले तो नेशनल वॉर मेमोरियल जरूर जाएं। अपने परिवार और बच्चों को ले जाएं। आपको वहां एक अलग ऊर्जा और प्रेरणा का अनुभव होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने पद्म सम्मान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इनमें ऐसे नाम भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इन हीरोज ने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं। उन्होंने उत्तराखंड की बसंती देवी का जिक्र किया, जिनके पति का निधन कम उम्र में हो गया। उन्होंने नदी बचाने का काम किया और पर्यावरण के लिए असाधारण काम किया। मणिपुर की बिनोदेवी दशकों से लोकल आर्ट का संरक्षण कर रही हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह ने बैगा आदिवासियों की नृत्य कला को बचाया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि शिक्षा को लेकर जागरूकता समाज के हर वर्ग में दिख रही है। त्रिपुर के तायम्मल के पास कोई जमीन नहीं है। बरसों से इनका परिवार नारियल पानी भेजकर गुजर-बसर कर रहा है। उन्होंने अपने बेटे-बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने वहां के स्कूल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए बीड़ा उठाया। पैसे की कमी थी। जिन्होंने नारियल पानी बेचकर कुछ पूंजी जमा की थी, उन्होंने एक लाख रुपए स्कूल के लिए दान कर दिए। ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा दिल और सेवा भाव चाहिए। आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र जय चौधरी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जय ने साढ़े सात करोड़ रुपए बीएचयू को डोनेट किए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े बहुत लोग हैं, जो दूसरों की मदद कर रहे हैं। बेहद खुशी है कि इस तरह के प्रयास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार मिल रहे हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है। पिछले साल हमने सितंबर में विद्यांजलि की शुरुआत की है।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
गणतंत्र दिवस की परेड में प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड के चार्जर घोड़े विराट ने अपनी आखिरी परेड में हिस्सा लिया। 2003 में ये घोड़ा राष्ट्रपति भवन आया था। हर बार परेड को लीड करता था। जब विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत होता था, तब भी वह अपनी भूमिका निभाता था। इस वर्ष आर्मी दिवस पर सेना प्रमुख ने विराट को सम्मान दिया। उसकी विराट सेवाओं को देखते हुए भव्य तरीके से उसे विदाई दी गई।

असम में घटा गैंडे का शिकार रोकने की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक सींग वाला गैंडा हमेशा से असमिया संस्कृति का हिस्सा रहा है। भारत रत्न भूपेन हजारिका जी का गीत सबके कानों में गूंजता होगा। इसका अर्थ है काजीरंगा का हराभरा परिवेश, हाथी और बाघ का निवास। एक सींग वाले गैंडे को पृथ्वी देखे, पक्षियों का कलरव सुने। असम की हथकरघा पर बुनी गई पोषाकों में भी गैंडे की आकृति दिखाई देती है। जिसकी इतनी बड़ी महिमा है,उसे भी संकट का सामना करना पड़ता था। तस्कर इन्हें मार डालते थे। पिछले 7 साल में असम के विशेष प्रयास से गैंडों के शिकार के खिलाफ अभियान चलाया गया। 22 सितंबर को वर्ल्ड राइनो डे के मौके पर तस्करों से जब्त 2400 से ज्यादा सींग जला दिए गए थे। ये तस्करों के लिए सख्त संकेत था। अब असम में गैंडों के शिकार में लगातार कमी आ रही है। 2013 में 37 गैंडे मारे गए थे 2020 में 2 और 2021 में एक गैंडे के शिकार का मामला सामने आया है।


मोदी ने लद्दाख में बन रहे फुटबॉल स्टेडियम का भी जिक्र किया। बताया कि यह पहला स्टेडियम होगा, जिसमें 30 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी। इसे फीफा द्वारा मान्यता मिली है। उन्होंंने वैक्सीनेशन का जिक्र करते हुए कहा कि 15 से 18 उम्र के 60 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने वैक्सीन लगवा ली है। इससे उनकी पढ़ाई सुचारु रूप से चल सकेगी। 20 दिन में एक करोड़ लोगों को प्रिकॉशन डोज लग चुकी है। यह दिखाता है कि देश को लोगों को स्वदेशी वैक्सीन पर कितना भरोसा है। उन्होंने लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की।

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