सफाई व्यवस्था पर प्रति माह हो रहे है लाखो रुपए खर्च
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को नगर परिषद द्वारा निरंतर पलीता लगाया जा रहा है। प्रतिमाह सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखो रुपए खर्च किए जा रहे है। लेकिन नगर की हालत बद से बदतर हो रही है। गंदगी से लबालब भरी नालियांए सडक़ो पर लगे कचरे के ढेर विधानसभा मुख्यालय की दर्द भरी दास्तां को बयां कर रहे है। लेकिन इन सब के बावजूद भी जिम्मेदार बेखबर बने हुए है।
15 वार्डो में विभाजित नगर की सडक़े व गलियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रही है। नगर की नालियां गंदगी से लबालब भरी हुई है। सडक़ो पर लगे कचरे के ढेर नप के सफाई दावे को मुंंह चिढ़़ा रहे है। नागरिको का कहना है कि मुख्य मार्गो पर ही सफाई की जाती है। जबकि गलियों में सफाई के नाम पर कभी कभार ही सफाई की औपचारिकता की जाती है। हालांकि नागरिक को सफाई कराए जाने को लेकर अनेको बार नगर परिषद के जिम्मेदारो से निवेदन करना पड़ता है बावजूद भी सडक़ो व नालियो की सफाई नही कराई जाती है।
गंदगी से फैल सकती है बीमारियां
गंदगी से लबालब भरी नालियो का गंदा पानी सडक़ो पर फैल दलदल में तब्दील हो रही है। सडक़ो पर गंदा पानी फैलने से मच्छरो का प्रकोप बढ़ रहा है। लोगो के ऊपर भिनभिनाते मच्छरो से संक्रामक बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है। नगर की गलियां भी कचरे के ढेर से महफूज नही है। अनेको स्थानो पर फैला कचरा नागरिको के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।
लाखो रुपए प्रतिमाह होते है खर्च
नगर की सफाई व्यवस्था पर प्रतिमाह
लाखो रुपए नगर परिषद के द्वारा खर्च किए जा रहे है। जवकि 50 से अधिक सफाई कामगार नगर परिषद के पास है। हाल ही में सफाई कार्य के लिए करीब 5 अतिरिक्त सफाई कामगार को नियुक्त किया जाना बताया जा रहा है। लेकिन इन सब के बावजूद भी सफाई के नाम पर नगर में गंदगी पसरी हैं। सफाई कार्य में लगे वाहनो व सफाई कामगारो आदि पर प्रतिमाह करीब 5 लाख से अधिक की राषि व्यय की जा रही है। लेकिन इसके बाद भी तहसील मुख्यालय गंदगी के ढेर पर बैठा हुआ है।
स्वच्छता की बजाए खरीदी पर ध्यान
नगर को स्वच्छ बनाने, सडक़ो व नालियो की सफाई कराने के साथ ही क्षतिग्रस्त हो चुकी सडक़ो नालियों की मरम्मत कराने को लेकर नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नही है। नागरिक परेशान है। लेकिन स्वच्छता सहित अन्य मदो में सामग्री की खरीदी किए जाने को लेकर नप के द्वारा सक्रियता दिखाई जा रही है। बताया जा रहा है बीते दो सालों में स्वच्छता सहित अन्य सामग्री नप के द्वारा खरीदी गई। खरीदी कार्य पर लाखो रुपए खर्च किए जा चुके है। सूत्रो की माने में खरीदी कार्य में संबंधितो को कमीशन व्यापक पैमाने पर मिलता है। जिस कारण खरीदी पर अधिक फोकस किया जाता है। हालिया दिनो में भी लाखो रुपए की खरीदी की गई। इस खरीदी में भी नगर सरकार पर उंगलियां उठ रही है। यदि प्रशासन निष्पक्ष एजेंसी से बीते दो सालो में हुई खरीदी की जांच करावे तो कमीशन का खेल उजागर हो सकता है। नागरिको ने प्रशासन से मांग की है कि नगर परिषद के क्रियाकलापो की जांच करा कर स्वच्छ भारत अभियान में लापरवाही बरतने वालो पर कार्रवाही कर नगर को स्वच्छ बनाया जावे ।