उवेश खान सिलवानी रायसेन
गर्मी की शुरुआत के साथ ही आग लगने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। गुरुवार दोपहर सिलवानी थाना क्षेत्र के मुआर गांव के जंगल में अचानक आग भड़क उठी। सूखे पत्तों में लगी आग इतनी तेजी से फैली कि खेतों तक पहुंच गई, जिससे ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने अपने सीमित संसाधनों से आग बुझाने की कोशिश लेकिन नाकाम रहे।
वही नगर परिषद सिलवानी की दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया। इस समय खेतों में कटाई का काम चल रहा है। कई जगह फसलें कट चुकी हैं और कुछ अभी भी खड़ी हैं। अगर आग पर समय रहते काबू न पाया जाता, तो बड़ी तबाही हो सकती थी। क्या प्रशासन ऐसे हालातों के लिए पहले से कोई आपातकालीन योजना तैयार रखता है? सिर्फ जंगल ही नहीं, बेंगवा गांव में भी आग लगने की घटना सामने आई। यहां अज्ञात कारणों से एक कच्चे टपरे में आग लग गई।
नगर परिषद की दमकल टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाई, लेकिन हर बार दमकल टीम समय पर पहुंच पाएगी, इसकी क्या गारंटी है?
बड़ा सवाल, जंगलों में आग की रोकथाम के लिए प्रशासन क्या कर रहा है? गांवों में आग से बचाव के लिए कोई जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया जाता? क्या दमकल विभाग के पास पर्याप्त संसाधन और स्टाफ हैं?
आग से कोई जनहानि नहीं हुई, यह राहत की बात है, लेकिन हर बार किस्मत साथ दे, इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। प्रशासन को अभी से सतर्कता बढ़ाने और आग से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वरना आने वाले दिनों में जंगल, खेत और घर—कुछ भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।