– बिना प्रसूती और गायनिक सर्जन के ही कर रहे थे इलाज
-मामला पूर्व विधायक की बहू की नार्मल डिलेवरी को सीजर में बदलने का
– पीडि़त पक्ष ने कहा न्याय नहीं लीपापोती की गई, हाईकोर्ट जाएंगे
संजय बेचैन
शिवपुरी के सिद्धि विनायक अस्पताल में स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ न होने के बावजूद यहां गायनिक सर्जरी की जा रही थी। पूर्व विधायक शकुन्तला खटीक द्वारा की गई शिकायत की जांच के उपरांत यह तथ्य सामने आने के बाद सीएमएचओ ने फिर से इस अस्पताल की प्रसूति एवं गायनिक सर्जरी सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यहां बता दें कि इसके पूर्व इसी अस्पताल में कथित भू्रण हत्या डीलिंग केस सामने आने और एफआईआर दर्ज होने के बाद गायनिक और प्रसूति सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी, जिसे सीएमएचओ पवन जैन द्वारा चुपचाप खोलने के चंद रोज बाद ही 14 जनवरी 2022 को यहां पूर्व विधायक शकुंतला खटीक के बेटे की बहू मधु खटीक का जबरन सिजेरियन ऑपरेशन किए जाने के आरोप सामने आने पर कलेक्टर द्वारा जांच दल गठित किया गया था। जांच समिति की रिपोर्ट 7 दिन में सामने आनी थी, परन्तु सात दिन के बजाए पूरे चार माह बाद रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने सिद्धिविनायक अस्पताल में गायनिक और सेवाओं पर फिर से रोक लगा दी है। मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सिद्धविनायक मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल पोहरी रोड शिवपुरी में स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ न होने से उक्त हॉस्पीटल में होने वाली प्रसूति एवं गायनिक सर्जरी पर रोक लगाई जाती है। हालांकि यह रोक पूर्व की भांति कब सीएमएचओ द्वारा खत्म कर दी जाएगी यह कहना जरा मुश्किल इसलिए है कि ऐसा उनके द्वारा पूर्व में किया जा चुका है।
-केन्द्रीय मंत्री सिंधिया तक पहुंची थी शिकायत फिर भी कार्रवाई…
यहां बता दें कि करैरा की पूर्व विधायक श्रीमती शकुंतला खटीक ने कलेक्टर शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सिद्धिविनायक अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर पैसों की लूट खसोट की जा रही है। पूर्व विधायक ने केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया को भी आपबीती बताई थी। बावजूद इसके प्रशासन इस मामले को लटकाए रखा। पूर्व विधायक ने शिकायत की थी कि अस्पताल में नार्मल प्रसव कराए जाने की बात कह कर जबरन उनकी बहू मधु खटीक की सिजेरियन डिलीवरी कर दी गई। पूर्व विधायक शकुंतला खटीक की शिकायत पर से कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर शिवानी अग्रवाल के देखरेख में चार सदस्यीय जांच दल गठित कर तब 7 दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। 7 दिन के बजाए अब यह प्रतिवेदन पूरे 4 माह बाद कार्रवाई के पटल पर आया है। पीडि़त पक्ष की ओर से पूर्व विधायक के पुत्र कपिल ने सीएमएचओ की इस कार्रवाई को अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत करार देते हुए महज लीपापोती बताया है और इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
पूर्व में सिद्धिविनायक का लायसेंस हुआ था सस्पेंड, फिर बहाल कर दी थीं गायनिक सेवाएं-
गत वर्ष पिछले दिनों कथित कन्या भ्रूण हत्या डीलिंग केस के सामने आने के बाद पुलिस केस दर्ज होने के साथ ही सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने आदेश क्रमांक सामान्य/पंजीयन/2021/12275 दिनांक 13 सितम्बर 21 से अस्पताल का पंजीयन क्रमांक एनएच/0158/फेब/2020 दिनांक 3 फरवरी 2020 को निलम्बित कर दिया था। जिसे अधबीच जांच के दौरान ही अस्पताल प्रबंधन की ही मांग पर लोकहित का हवाला देते हुए डॉ पवन जैन ने 4 अक्टूबर 22 को इस अस्पताल को ऑब्सेक्टिक और गायनिक सेवाओं को छोड़कर सशर्त संचालन की अनुमति अपने पत्र क्रमांक सामा/पंजीयन/2021/13432 दिनांक 4 अक्टूबर 21 के माध्यम से जारी कर दी, लायसेंंस बहाली के दौरान सिद्धिविनायक अस्पताल में स्त्री रोग एवं गायनिक सेवाओं पर सख्ती से रोक लगा दी गई थी। इस रोक को भी बिना किसी उचित कारण के सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने दिसम्बर 2021 में समाप्त कर दिया था। जिसके बाद शकुन्तला खटीक की बहू का यह केस सुर्खियों में आया। इस सीजर को मेडिकल कालेज की डॉ शैली सेंगर ने निजी अस्पताल में किया था।
इनका कहना है-
सिद्धविनायक अस्पताल पर जब गायनिक सर्जरी और प्रसूती के लिए कोई विशेषज्ञ नहीं था तो उन्हें इस तरह के मरीज लेना ही नहीं चाहिए थे। फिर भी मिरीज लिया और बाहर से डॉक्टर अरेंज कर इलाज तो कराया, हालांकि यह प्रावधान के विरुद्ध है। हमने अस्पताल में इन सेवाओं पर रोक लगा दी है और सम्पूर्ण जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी है यदि उन्हें लगता है हमारे द्वारा की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं तो वे देख लेगें।
-डॉ पवन जैन सीएमएचओ