शिवपुरी। आदिवासी क्षेत्र के सुरवाया थाना क्षेत्र के केनवाया गांव में एक दुखद घटना घटी है। यहां पर वन विभाग की टीम ने आदिवासियों की झोंपड़ियों को तोड़ने की कार्रवाई की, जिसके बाद एक आदिवासी महिला को वन कर्मी बोला असली आदिवासी है तो जगह पर मरकर दिखा इसके बाद महिला ने जहर पीकर आत्महत्या की कोशिश की।
जानकारी के अनुसार, सुरवाया रेंज के केनवाया रेंज के कक्ष क्रमांक 991 में कई वर्षों से बसे आदिवासियों की झोंपड़ियों को वन विभाग की टीम ने तोड़ डाला। इस कार्रवाई के दौरान आदिवासियों को जाति सूचक गालियां दी गईं और मारपीट की गई। इस घटना के दौरान धंती आदिवासी ने वन अमले से कहा कि यदि उनकी झोंपड़ी तोड़ दी जाती है तो वे कहां रहेंगे, और इस स्थिति में उन्हें मरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके जवाब में वन अमले के कर्मचारियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि मरना चाहते हो तो जाकर मर जाओ।
इस अपमानजनक टिप्पणी से आहत धंती आदिवासी ने अपनी झोंपड़ी में जाकर जहर की शीशी पी ली, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। वन अमला घटना के बाद बिना महिला को अस्पताल पहुंचाए वहां से निकल गया। स्थानीय आदिवासियों ने डायल 100 को सूचित किया और धंती को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
इस घटना के बाद आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के कर्मचारियों ने उनके साथ भेदभावपूर्ण और हिंसात्मक व्यवहार किया है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाए और दोषी वन अमले के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। सहरिया क्रांति ने मुख्यमंत्री से इस मामले में दोषी अमले पर कार्यवाही की मांग की है ।