मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस अधीक्षक ने शुरू की जांच
राहुल राठौर रायसेन
जिले में विभागों के कर्मचारियों के बीच आपसी रंजिश इस कदर बढ़ गई कि पुलिस शिकायत तक की नौबत आ गई मामला महिला एवं बाल विकास कार्यालय एवं वन स्टॉप सेंटर का है जिसमें महिला एवं बाल विकास के कर्मचारियों द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत करते हुए बताया गया जिले में वन स्टॉप सेंटर में प्रशासक के पद पर पदस्थ एक महिला अधिकारी द्वारा कर्मचारियों को अपहरण एवं बाहरी असामाजिक तत्वों से हमला करवाने का खतरा उत्पन्न हो गया है तथा इस महिला प्रशासक द्वारा उनकी रेकी तक कराई जा रही है मामला चुकीं बहुत संगीन है पुलिस विभाग ने तत्काल कार्यवाही करते हुए महिला अधिकारी को नोटिस जारी कर कथन के लिए पुलिस थाने बुलवाया गया इस संबंध सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास विभाग रायसेन के कर्मचारी जगदीश जाट, प्रभु दयाल सेन, कमल कांत रैकवार ,सरिता श्रीवास्तव, एवं माया साहू द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है की सीमा पटेल जो वन स्टॉप सेंटर रायसेन की प्रशासक के पद पर हैं उनके द्वारा जिला कार्यालय महिला बाल विकास में गुंडागर्दी की जाती है एवं महिला एवं पुरुष कर्मचारियों के गार्डन में पानी देते हुए फोटो खींचकर वायरल किए जाते हैं एवं इस महिला अधिकारी द्वारा पुरुष कर्मचारी जगदीश जाट ,कमल कांत रैकवार, एवं प्रभु दयाल सेन का अपहरण किए जाने की साजिश की जाती है इस संबंध में कार्यवाही करते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा संपूर्ण जांच एसडीओपी अदिति भावसार को सौंपी गई एसडीओपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रशासक वन स्टॉप सेंटर को नोटिस जारी किए नोटिस तामिल भी हुए ,कथन के लिए भी बुलाया गया ,पर कथन आज दिनांक तक नहीं हो पाए एवं जांच लंबित है अब सवाल यह उठता है कि क्या एक महिला अधिकारी महिला बाल विकास के पांच पांच कर्मचारियों का अपहरण, रेकी करवा सकती है और अगर यदि मामला सही है भी तो सवाल यह उठता है की यह विभागीय मामला होने के कारण मामला विभाग को अंतरित होना था जिले में लगातार विभागों के बीच के कर्मचारियों के मध्य इस तरह की आपसी रंजिश कई बार पहले भी सामने आती रही है लेकिन यह अपने ही तरह का एक अलग मामला है जिसकी सत्यता की पुष्टि जांच के उपरांत पता लग सकेगी लेकिन पुलिस विभाग द्वारा जांच शुरू की गई है अब देखना यह है कि शिकायत कितनी सच्ची एवं झूठी है।