इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में अचानक हुई मूसलाधार बारिश की वजह से आयी बाढ़ और भूस्खलन के बाद कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है और 7 लोगों के लापता होने की सूचना स्थानीय अधिकारी ने दी. बारिश की वजह से हर जगह तबाही मची हुई है.
अचानक हुई मूसलाधार बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे अचानक बाढ़ आ गई. बाढ़ और भूस्खलन में पश्चिम सुमात्रा प्रांत में पेसिसिर सेलाटन रीजेंसी प्रभावित हुई है, जिससे लगभग 46,000 लोग बेघर हो गए, सभी बेघर लोगों को अस्थायी आश्रयों का सहारा लेना पड़ रहा है. पेसिसिर सेलाटन के आपदा शमन एजेंसी के चीफ डोनी युसरीजल ने कहा कि देर रात कई टन मिट्टी, चट्टानें और उखड़े हुए पेड़ एक पहाड़ से लुढ़ककर एक नदी तक पहुंच गयी, इसके बाद कई तट टूट गए और पश्चिम सुमात्रा प्रांत के पेसिसिर सेलातन जिले में पहाड़ी गांवों में बाढ़ आ गई. उन्होंने आगे कहा कि खराब मौसम की वजह से 2 लोग घायल हो गए और लगभग 7 लोग लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
साइरबोन में 83 हजार लोग बेघर
बाढ़ और भूस्खलन में सबसे ज्यादा इंडोनेशियाई द्वीप जावा के उत्तरी तट का बंदरगाह शहर साइरबोन प्रभावित हुआ है. साइरबोन में 36 गांव प्रभावित हैं, जिसमें लगभग 83 हजार लोग बेघर हो गए हैं. लंबे समय से हुई मूसलाधार बारिश की वजह से द्वीपसमूह देश के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है. इस आपदा में कई घरों में पानी घुस गया है और इसके साथ ही कई घर बाढ़ के पानी के साथ बह गए हैं. मूसलाधार बारिश के कारण गेम बोंग गांव, कंडांगसेरांग जिला, पेकालोंगन रीजेंसी, मध्य जावा, इंडोनेशिया के पास गंभीर बाढ़ और बेहद खतरनाक स्थिति पैदा हो गई.
20 हजार से ज्यादा घर पानी में डूबे
रास्तों पर जलजमाव की वजह से आने-जाने में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण सड़कों पर फंसी छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियां पानी के प्रवाह के साथ बद गई हैं. भूस्खलन में कम से कम 14 घर दब गए, 20 हजार से ज्यादा घर पानी में डूब गए और आठ पुल ढह गए. बरसात के मौसम में इंडोनेशिया में अक्सर भूस्खलन की आशंका बनी रहती है और इस तरह से अचानक आए आपदा की सबसे महत्वपूर्ण वजह कई स्थानों पर जंगलों की कटाई है, जिसके बाद मौसम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. आपदा शमन एजेंसी के कार्यवाहक ने कहा कि बचावकर्मी बाढ़ से कटे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं. 8 मार्च और 9 मार्च को आए सिसांगगारुंग नदी में उफान की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई.