थाना भारकच्छ ने नहीं लिखी एफआईआर तो पीड़ित परिवार पहुंच एसपी के पास,न्याय की लगाई गुहार,जल्द हो अपराधियों पर कार्रवाई
उपेंद्र गौतम रायसेन
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के नए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव लगातार संभागीय समीक्षा बैठक कर रहे हैं और उनमें पहुंच कर डायरेक्ट अधिकारियों से चर्चा कर अलग-अलग जिलों से फीडबैक भी ले रहे हैं। देखा जाए तो गृह विभाग की वह स्वयं समीक्षा करके वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। सरकार चाहती है कि गरीब से गरीब लोगों को जो जहां निवास कर रहा है उसे वहीं लाभ हो हालांकि पुलिस का कार्य जन सेवा भक्ति के साथ होता दिखाई देता है लेकिन कहीं ना कहीं जिले के दूर दराज क्षेत्र में आज भी पीड़ितों को अपनी अर्जी लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक के पास आवेदन लेकर आना ही पड़ता है। क्या कारण होते हैं कि उनका निराकरण उनके ही क्षेत्र के थाना प्रभारी या थाने के अधिकारी कर्मचारी नहीं कर पाते हैं। खेर जो भी हो ऐसा ही मामला रायसेन जिले के भारकच्छ थाना अंतर्गत का सामने आया है जिसमें पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शहवाल एवं कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे को आवेदन देकर न्याय की गुराह लगाई है। आवेदन में लिखा है कि किरान्ती बाई पत्नी भवानी मालवीय,हल्की बाई पत्नी प्रेम मालवीय निवासी ग्राम गोरामछबाई तहसील बाडी थाना भारकच्छ जिला रायरोन म०प्र० की होकर यह निवेदन करती हूँ अनावेदक परषोत्तम मालवीय,रामकुमार मालवीय,दीना मालवीय,मंजीत मालवीय, तन्नू मालवीय,सरीता मालवीय, द्वारा दिनांक 14.02.2024 को प्रार्थीनी के घरेलू उपयोग की लकड़ियो में आग लगा दी, जिस पर बहस होने पर अनावेदक/आरोपीगण आकर कुलाड़ी और लोहे की राड़ से जान से मारने कि कोशिश की, जिसमें प्रेम मालवीय भवानी मालवीय दोनों को सर पर कुल्हाड़ी मार और, किरान्ती बाई को हाथ में लोहे कि राड से मारा, एवं हल्की बाई को कमर पर राड से मारा। यह कि बालक अलमोल मालवीय आ० भवानी मालवीय ने 100 नम्बर पर कॉल किया, जिसमें 100 नम्बर 1 घण्टे बाद मोके पर पहूची और पुलिस इन सबको लेकर भारकच्छ थाना ले गई, जहां व्यान लिये, जिसके बाद बाडी होस्पीटल रिफर किया, वहां सिरिएस कन्डीशन होने के कारण रायसेन जिला चिकित्साल रिफर किया। रायसेन जिला चिकित्सालय से भी भोपाल एम्स होस्पीटल रिफर कर दिया, जहां भवानी और प्रेम मालवीय आई.सी.यू में भर्ती है। साथ ही पुलिस द्वारा अनावेदक / आरोपियों पर आज दिनांक तक किसी भी प्रकार कि कोई कार्यवाही नहीं की गई,2 घण्टे थाना-भरकच्छ में बिठा कर छोड़ दिया है, जिससे प्रार्थीनी के बच्चों की जान को खतरा है, जिससे सारा परिवार भयभीत है।