रिपोर्ट धीरज जॉनसन,दमोह
पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय नई दिल्ली तथा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) भोपाल के निर्देशानुसार पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के तहत पर्यावरण हितैषी जीवन शैली अपनाने के लिए जनजागरूकता गतिविधि के अंतर्गत पी जी कॉलेज के ईको क्लब द्वारा प्राचार्य डॉ केपी अहिरवार के निर्देशन में पर्यावरण संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता डॉ शमा जे पी खानम प्राचार्य ओजस्विनी पर एक्सीलेंस और सिद्धी विनायक ज्योतिष प्रशिक्षण परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र के डॉ रज्जन प्रसाद कुर्मी रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ मीरा माधुरी महंत द्वारा कार्यशाला की प्रस्तावना प्रस्तुत करने बाद डॉ केपी अहिरवार ने प्रारंभिक उद्बोधन में कहा कि जिस पर्यावरण में हम रहते है इसमें परिवर्तन हो रहा है अप्रत्याशित घटनाएं घट रही है प्रकृति की सुरक्षा हम सबको मिलकर करना है।
डॉ खानम ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रकृति के जो सूक्ष्म जीव हमें दिखाई नहीं देते है उनका भी पर्यावरण संरक्षण में विशेष योगदान है। पेस्टीसाइड के अधिक उपयोग से मानव शरीर को नुकसान पहुंच रहा है कृषि की पुरानी पद्धति की ओर लौटना जरूरी है। जैविक खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट एक उत्तम तरीका है।
रज्जन प्रसाद ने कहा कि हम उन्नति में अवनति कर रहे है जो वैश्विक चिंतन का विषय है प्राचीन वेदों में ही पर्यावरण संरक्षण की बातें लिख दी गई। हमें पर्यावरण परिवार के साथ मित्रता का भाव लाना होगा। प्रकृति का सम्मान करें और पेड़ पौधे की आवश्यकता पूरी करें। दया के भाव में विनम्रता होती है। सामाजिक के साथ मानसिक पर्यावरण को भी ठीक करें। डॉ इंदिरा जैन ने बताया कि प्रकृति के विनाश पर विकास हुआ है तर्क और विवेक हमारे पास है सचेत होकर पर्यावरण में सुधार लाना आवश्यक है। मंच संचालन अंग्रेजी विभाग से एन पदमा कुमार और आभार डॉ जितेंद्र चौधरी ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर ईको क्लब प्रभारी डॉ. मीरा माधुरी महंत, डॉ इंदिरा जैन,एन पद्मा कुमार, डॉ जीपी अहिरवार, डॉ एनआर सुमन, डॉ रमेश अहिरवाल,डॉ. जितेन्द्र चौधरी, धीरज जॉनसन, डॉ सिकंदर दुलगज, आर एस साकेत, डॉ. ए आर यादव सहित छात्रों की उपस्थिति रही।