हर जगह आठ दस चबूतरे बने लेकिन सांकरा में बने मात्र दो
सुरेंद्र जैन धरसीवा
सांकरा निको रायपुर।क्षेत्र में बीती रात से रुक रुककर रिमझिम बारिस का दौर जारी है जिससे मौसम भी काफी ठंडा हो गया जिसका प्रभाव धान खरीदी केंद्र पर भी देखने को मिला साथ ही सभी केंद्रों पर आठ दस चबूतरों का निर्माण हुआ लेकिन सांकरा सोण्डरा खरीदी केंद्र में मात्र दो ही चबूतरे बने हैं जिससे धान को बारिस में नमी से बचाने में भी काफी दिक्कत होती है।
बीते दो दिनों से क्षेत्र में मौसम बदला हुआ है आसमान में बादल छाने से दो दिनों से लोगो को भगवान सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हुए बीती रात से क्षेत्र में रुक रुककर रिमझिम बारिस हो रही है बारिस के चलते मंगलबार को दिनभर जनजीवन अस्त व्यस्त रहा मौसम में हुए बदलाव के साथ ठंडी बढ़ने से लोग अब गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे वही दिनभर दुकानदारों को दुकानों के सामने अलाव जलाकर तापते हुए देखा गया।
धान की आवक पर असर
मौसम में आये बदलाव का असर धान खरीदी केंद्रों पर भी दिखा मंगलबार को खरीदी केंद्रों में बहुत कम आवक हुई कहीं कहीं तो आवक हुई ही नहीं सांकरा सोण्डरा खरीदी केंद्र पर मात्र एक किसान ही धान तौलाई को लेकर पहुचे अब तक यहां लगभग बाइस सौ क्विंटल धान की आवक हुई है।
हर केंद्र में आठ दस जबकि सांकरा में मात्र दो ही चबूतरे बने
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2020 में सभी धान खरीदी केंद्रों पर धान को जमीन की नमी से बचाकर सुरक्षित रखने चबूतरों का निर्माण किया गया लगभग दो लाख रुपये प्रति चबूतरे का स्टीमेट था कही आठ कहीं दस इस तरह धरसीवा कुम्हारी आदि सभी केंद्रों पर आठ दस चबूतरों का निर्माण हुआ लेकिन सांकरा में मात्र दो ही चबूतरे बनाये गए जो खरीदी केंद्र में होने वाली आवक के अनुरूप ऊंट के मुंह मे जीरा के समान हैं ।पर्याप्त चबूतरों का निर्माण न होने से धान को सुरक्षित रखने में बहुत समस्या होती है