· सोलर सिटी में पूर्ण सहयोग का सांची विश्वविद्यालय का संकल्प
· विश्वविद्यालय करेगा ऊर्जा विकास निगम के साथ सहयोग
· सांची विश्वविद्यालय ऊर्जा जागरूकता पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा
· सांची के जन-जन तक ऊर्जा साक्षरता पहुंचाएंगे वि.वि के छात्र
· छात्रों ने ऊर्जा जनभागीदारी के लिए दिए कई आइडियाज़
साँची/रायसेन। सांची बौद्ध-ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय सांची शहर को सौर सिटी बनाने के राज्य शासन के प्रयास में अहम भूमिका निभाएगा। म.प्र शासन के नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग के ‘ऊर्जा साक्षरता अभियान’ में जुटते हुए विश्वविद्यालय ने जनजागरुकता फैलाने का संकल्प लिया। ऊर्जा जागरूकता अभियान में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री कर्मवीर शर्मा ने बताया कि सांची की बिजली खपत तकरीबन 4 मेगावाट है और मध्य प्रदेश सरकार सांची में 5 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित करने जा रही है।
सांची को सोलर सिटी घोषित किए जाने के बाद से ही मध्य प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि सांची के प्रत्येक नागरिक को नवीरकरणीय ऊर्जा के महत्व से अवगत कराते हुए उनकी ‘जनभागीदारी’ सुनिश्चित की जाए। इस कड़ी में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अल्केश चतुर्वेदी ने प्रस्ताव रखा कि सांची विश्वविद्यालय अपने वर्तमान परिसर में सोलर रूफ टॉप तथा नवीन निर्मित हो रहे परिसर में सोलर सिस्टम लगवाकर इस अभियान में सहयोग प्रदान करना चाहता है। प्रो. अल्केश चतुर्वेदी ने कहा कि ऊर्जा जागरूकता के संबंध में विश्वविद्यालय एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा जिसके क्रेडिट स्कोर छात्रों के परीक्षा परिणाम में सम्मिलित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने छात्रों, शिक्षकों-कर्मचारियों से जन-जन तक पहुंचने और उन्हें ऊर्जा जागरूक करने के लिए आइडियाज़ मांगे। छात्रों ने सोलर एनर्जी उपकरणो के प्रति विश्वास बढ़ाने वाले कदम उठाने, सोलर उपकरणों की मरम्मत हेतु योग्य तकनीशियन उपलब्ध कराने जैसे सुझाव दिए। श्री कर्मवीर शर्मा ने ऊर्जा साक्षरता अभियान की वेबसाइट www.usha.mp.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर ऊर्जा जागरूकता का 12 माड्यूल का कोर्स करने की भी अपील की। जल्द ही इस संबंध में मोबाइल एप भी उपलब्ध हो जाएगा। मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अतिरिक्त रायसेन के एस.डी.एम श्री एल के खरे, नायब तहसीलदार श्रीमती नियति साहू, सांची नगर पालिका के सीएमओ श्री आर.डी शर्मा सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नवीन कुमार मेहता ने किया।