नैतिक मूल्यों की स्थापना के माध्यम से समाज को जोड़ने का कार्य भी राष्ट्रभक्ति है -न्यायाधीश अरुण कुमार
बरेली रायसेन। प्रसिद्ध संकट मोचन दादा दरबार छीद धाम में आयोजित श्री रामचरितमानस विद्यापीठ के माध्यम से मानस यात्रा में पधारे न्यायाधीश अरुण कुमार, द्वारा संकट मोचन हनुमान जी के विभिन्न प्रसंगों की चर्चा करते हुए व्यक्त करते हुए बताया की ,हर व्यक्ति समाज में सर्वांगीण सफलता के रूप में धन, शक्ति, शांति, भक्ति एवं परमात्मा को पाना चाहता है, इन सभी की प्रतीक जगत जननी सीता जी हैं, लेकिन शीघ्र सफलता के लिए धोखा देकर रावण के रास्ते सीता को प्राप्त करने से परिणाम समूल नाश नष्ट भी होता है, हनुमान जी के रास्ते चलकर शांति सीता, की खोज पाने में अनेक बधाएं आती हैं, लेकिन उक्त सफलता स्थाई होती है, सीता जी की खोज की यात्रा में हनुमान जी द्वारा अनेक बार ऊंचाइयों के शिखर पर चढ़ने का विवरण मिलता है ,उक्त शिखर प्रथमता विश्वास का, दूसरा देहाभिमान के त्याग का, एवं तृतीय बेरागय के शिखर पर चढ़कर ही सफलता आती है, कोई भी कसमाज ,संत, व्यक्ति मन से स्वस्थ तभी माना जा सकता है, जब उसकी छीनने की प्रवृत्ति की वजह, देने की प्रवृत्ति के साथ मन में सत्कर्म एवं लोक कल्याण की भावना, नित्य, प्रतिदिन बढ़ती जाए।
प्रसिद्ध संगीतकारों की संगत में भोपाल से आए राघवजी द्वारा सुंदर भजनों की भी भीप्रस्तुति की गई, कार्यक्रम मे विशिष्ट श्रोता न्यायाधीश अतुल खंडेलवाल, मनीष भट्ट, राजेश यादव, जयकुमार जैन, पुष्पराज गिरी के साथ स्थानीय अधिवक्ता ,क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, पूर्व विधायक रामकिशन पटेल, विधायक देवेंद्र पटेल एवं यात्रा संयोजक अधिवक्ता चतुरनारायण रघुवंशी, ने मानस ग्रंथ पूजन कर अतिथियों का सम्मान किया, गरिमा पूर्ण कार्यक्रम में मानस आचार्य सुरेंद्र शास्त्री, धर्माधिकारी राजेंद्र प्रसाद, व्याकरण आचार्य कोमल प्रसाद शास्त्री, संगीता आचार्य हरिदत्त, समाजसेवी राजीव पालीवाल, घनश्याम सिंह रघुवंशी, नरसी शर्मा, महेश पटेल, यशवंत सिंह दादू भैया, जोधा राम वकील, सुरेंद्र सिंह भोपाल, एवं सीता रसोई सागर के आलोक अग्रवाल, सहित विभिन्न अंचलों से पधारे प्रबुद्ध जनों, ने व्याख्यान श्रवण किया, मंदिर व्यवस्थापक कृष्ण कुमार रघुवंशी ने मानस ग्रंथ की मंगल आरती कर प्रसाद वितरण किया,