इंदौर 14 साल बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं में रिक्त बैकलाग पदों पर शिक्षकों की भर्तियां चल रही हैं। मगर विश्वविद्यालय प्रशासन को साक्षात्कार की प्रक्रिया के बीच एसटी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया रोकनी पड़ सकती है। इन पदों पर मात्र एक-एक योग्य उम्मीदवार है। नियमों का हवाला देते हुए अधिकारियों का तर्क है कि प्रतिस्पर्धा में कम से कम तीन उम्मीदवार होना जरूरी है। फिलहाल कुलपति इस संबंध में राजभवन से विचार-विमर्श करने में लगी है।
हालांकि, कुछ शिक्षाविदों का कहना है कि विश्वविद्यालय नियुक्तियों में मनमानी कर रहा है। आरक्षित पदों को खत्म कर सामान्य प्रक्रिया से जोड़ने में लगा है। दरअसल, 23 विभागों में रिक्त 47 बैकलाग पदों पर डेढ़ साल पहले आवेदन बुलाए थे। 300 से अधिक शिक्षकों ने आवेदन किया था। स्क्रूटनी के बाद 40 फीसद उम्मीदवार योग्य पाए गए।
जल्द ही नए आवेदन बुलाएंगे
कुलपति डा. रेणु जैन का कहना है कि एसटी वर्ग के लिए कुछ शिक्षण पद आरक्षित हैं, जहां एक पद के लिए केवल एक ही योग्य उम्मीदवार है। ऐसे में पदों पर नियुक्तियां निलंबित करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जल्द ही इन पदों को भरने के लिए नए आवेदन मंगवाएंगे।
एक पद पर तीन उम्मीदवार जरूरी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पदों पर एक-एक उम्मीदवार होने से नियुक्तियां निलंबित करने का विचार किया है। इसके लिए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के नियमों का हवाला दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, पीएससी भी साक्षात्कार के लिए एक पद के लिए तीन उम्मीदवारों को आमंत्रित करता है। जो उम्मीदवार पात्र पाए गए थे, लेकिन साक्षात्कार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।
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